वास्तविक संख्याएँ (Real Numbers)
वास्तविक संख्याएँ (Real Numbers)
परिचय (Introduction):
वास्तविक संख्याएँ वह संख्याएँ हैं जिनका उपयोग हम दैनिक जीवन में गणना करने के लिए करते हैं। ये संख्याएँ सभी प्रकार की संख्याओं को एक साथ समेटती हैं, जैसे - प्राकृतिक संख्याएँ, पूर्णांक, परिमेय (Rational) और अपरिमेय (Irrational) संख्याएँ। इस प्रकार, वास्तविक संख्याओं का समूह सबसे बड़ा होता है।
वास्तविक संख्याओं के प्रकार (Types of Real Numbers)
1. प्राकृतिक संख्याएँ (Natural Numbers)
- ये वे संख्याएँ हैं जो 1 से शुरू होती हैं और बढ़ती जाती हैं। जैसे - 1, 2, 3, 4, ...
- इन्हें (N) से प्रदर्शित किया जाता है।
N = {1, 2, 3, 4. . . . . .}
2. पूर्ण संख्याएँ (Whole Numbers)
- ये वे संख्याएँ हैं जिनमें शून्य (0) और सभी प्राकृतिक संख्याएँ शामिल होती हैं।
- इन्हें (W) से प्रदर्शित किया जाता है।
W = {0, 1, 2, 3. . . . . .}
3. पूर्णांक (Integers)
- ये संख्याएँ धनात्मक, ऋणात्मक संख्याएँ और शून्य को शामिल करती हैं।
- इन्हें (Z) से प्रदर्शित किया जाता है।
Z = {. . . . . -3, -2, -1, 0, 1, 2, 3. . . . .}
4. परिमेय संख्याएँ (Rational Numbers)
- परिमेय संख्याएँ वे संख्याएँ होती हैं जिन्हें p/q के रूप में लिखा जा सकता है, जहाँ (p) और (q) पूर्णांक हैं और (q ≠ 0)।
- यह घातांक वाला रूप भी हो सकता है जिसमें दशमलव भी हो। p
p/q में p अंश है और q हर है।
5. अपरिमेय संख्याएँ (Irrational Numbers)
- ये वे संख्याएँ होती हैं जिन्हें p/q के रूप में नहीं लिखा जा सकता।
- उदाहरण: √2, π, 1.414... (अंतहीन और आवर्तक नहीं)।
वास्तविक संख्याओं की विशेषताएँ (Properties of Real Numbers)
1. संचायक (क्रमचयी ) गुणधर्म (Commutative Property)
- जोड़ और गुणा में लागू होती है:
(a + b = b + a)
(a x b = b x a)
2. सहचर्य गुणधर्म (Associative Property)
- जोड़ और गुणा में लागू होती है:
(a + (b + c) = (a + b) + c)
(a x (b x c) = (a x b) x c)
3. वितरणात्मक गुणधर्म (Distributive Property)
- गुणा और जोड़ पर लागू होती है:
(a x (b + c) = (a x b) + (a x c)
महत्त्वपूर्ण अवधारणाएँ (Important Concepts)
1. अपरिमेय संख्याओं का वर्गमूल (Square Roots of Irrational Numbers)
- उदाहरण: (√2) और (√3) अपरिमेय संख्याएँ हैं। ये दशमलव रूप में कभी समाप्त नहीं होतीं और न ही आवर्ती होती हैं।
2. परिमेय और अपरिमेय संख्याओं का योगफल (Sum of Rational and Irrational Numbers)
- यदि हम एक परिमेय संख्या और एक अपरिमेय संख्या का योग करते हैं, तो परिणाम हमेशा अपरिमेय संख्या होगी।
3. दशमलव रूप में संख्याएँ (Decimal Representation of Real Numbers)
- परिमेय संख्याएँ या तो समाप्त होती हैं (जैसे 0.5) या आवर्ती होती हैं (जैसे 0.333...)।
- अपरिमेय संख्याएँ कभी समाप्त नहीं होतीं और न ही आवर्ती होती हैं।
उदाहरण (Examples)
1. परिमेय संख्या (Rational Number):
3/4, 5, 0.75
2. अपरिमेय संख्या (Irrational Number):
(π = 3.14159...), (√5 = 2.236...)
3. पूर्णांक (Integers):
(.....-3, -2, -1, 0, 1, 2, 3........)
4. प्राकृतिक संख्याएँ (Natural Numbers):
(1, 2, 3, 4. . . . .)
वास्तविक संख्याओं की उपयोगिता (Applications of Real Numbers)
- वास्तविक संख्याएँ हमारे दैनिक जीवन में हर जगह उपयोग होती हैं, जैसे - माप, गणना, भौतिक विज्ञान, इंजीनियरिंग आदि।
- यह गणित के सभी क्षेत्रों में आधारभूत भूमिका निभाती हैं और जटिल संख्याओं को भी एक आधार प्रदान करती हैं।
यदि आपको किसी विशेष भाग पर और विस्तार से जानकारी चाहिए, तो कृपया कमेण्ट करके बताएं।
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