पौधों में प्रजनन (Reproduction in Plants)
पौधों में प्रजनन (Reproduction in Plants)
प्रस्तावना
पौधे स्थिर होते हैं,
बोलते नहीं, चल नहीं सकते — लेकिन फिर भी वे जीवन की सबसे जटिल और सुंदर प्रक्रियाओं को चुपचाप पूरा
करते हैं। उन्हीं में से एक प्रक्रिया है प्रजनन (Reproduction)। यह वह प्रक्रिया है जिसके द्वारा पौधे अपने जैसे नए पौधों को जन्म देते
हैं और जीवन को आगे बढ़ाते हैं।
यह विषय केवल एक विज्ञान पाठ नहीं, बल्कि
प्रकृति को समझने का ज़रिया है। आइए, इसे सरल और रोचक तरीके
से समझते हैं।
प्रजनन क्या है?
प्रजनन वह जैविक प्रक्रिया है जिसके द्वारा जीव अपने जैसे नए जीव उत्पन्न करते हैं। यह जीवन की निरंतरता सुनिश्चित करता है। पौधों में भी यह प्रक्रिया विविध रूपों में होती है।
पौधों में प्रजनन के प्रकार
पौधों में दो मुख्य प्रकार के प्रजनन पाए जाते हैं:
1. अलैंगिक प्रजनन (Asexual Reproduction)
- इसमें केवल एक ही जनक (parent) होता है।
- संतान हूबहू जनक के समान होती है।
- यह प्रक्रिया तेज़ और सरल होती है।
2. लैंगिक प्रजनन (Sexual Reproduction)
- इसमें दो जनक होते हैं – नर और मादा।
- संतान में आनुवंशिक विविधता होती है।
- यह प्रक्रिया फूलों के माध्यम से होती है।
अलैंगिक प्रजनन की विधियाँ
1. खंडन (Fragmentation)
- एक पौधा छोटे टुकड़ों में विभाजित होकर नए पौधे बनाता है।
- उदाहरण: स्पाइरोगाइरा (शैवाल)
2. कलिका जनन (Budding)
- माता-पिता के शरीर पर एक छोटा उभार बनता है जो नया पौधा बन जाता है।
- उदाहरण: यीस्ट
3. बीजाणुजनन (Spore Formation)
- पौधे बीजाणु बनाते हैं जो हवा में उड़कर नए पौधे बनाते हैं।
- उदाहरण: फफूंदी, फर्न
4. पादपों के अंगों द्वारा
कुछ पौधे अपने विभिन्न अंगों जैसे जड़, तना, पत्ती द्वारा नए पौधे बनाते हैं।
अंग | उदाहरण |
---|---|
जड़ | मीठा आलू (sweet potato) |
तना | आलू, अदरक |
पत्ती | ब्रायोफिलम (Bryophyllum) |
लैंगिक प्रजनन की प्रक्रिया
लैंगिक प्रजनन आमतौर पर फूलों के माध्यम से होता है। फूल पौधों का प्रजनन अंग होता है।
फूल के मुख्य भाग:
भाग | कार्य |
---|---|
पुंकेसर (Stamen) | नर जनन अंग, परागकण बनाता है |
अंडप (Carpel) | मादा जनन अंग, अंडाणु बनाता है |
परागकण (Pollen) | नर जनन कोशिका |
अंडाणु (Ovule) | मादा जनन कोशिका |
परागण और निषेचन
1. परागण (Pollination)
यह वह प्रक्रिया है जिसमें परागकण पुंकेसर से अंडप के वर्तिकाग्र (stigma) पर पहुँचते हैं। दो प्रकार के होते हैं:
- स्व-परागण (Self-pollination): एक ही फूल या पौधे से पराग स्थानांतरित होता है।
- पर-परागण (Cross-pollination): एक पौधे से दूसरे पौधे के फूल में पराग जाता है।
परागण के माध्यम:
- हवा, पानी, कीड़े, पक्षी आदि।
2. निषेचन (Fertilization)
- परागकण से निकलने वाली परागनली अंडाणु तक पहुँचती है।
- नर और मादा कोशिकाएँ मिलकर युग्मनज (Zygote) बनाती हैं।
- युग्मनज भ्रूण में विकसित होता है।
बीज और फल का निर्माण
- निषेचन के बाद अंडाणु से बीज बनता है।
- अंडाशय फल में बदलता है।
- बीज में भ्रूण, खाद्य भंडार और बीजावरण होता है।
बीजों का प्रसार (Seed Dispersal)
बीजों को उचित स्थान पर फैलने के लिए विभिन्न माध्यमों की सहायता लेनी पड़ती है:
माध्यम | उदाहरण |
---|---|
हवा | कपास, मेहँदी |
जल | कमल, नारियल |
जानवर | बेर, आम |
स्वविक्षेपण (स्वयं विस्फोट) | मटर, बिंदुचूड़ |
पौधों में प्रजनन का महत्व
1. प्रजातियों की निरंतरता बनी रहती है।
2. नई पौधों की वृद्धि होती है।
3. प्राकृतिक संतुलन बनाए रखने में सहायक है।
4. कृषि और वनस्पति उद्योग में उपयोगी है।
5. अनुवांशिक विविधता से पौधों का विकास होता है।
परीक्षा के लिए संभावित प्रश्न
1. अलैंगिक और लैंगिक प्रजनन में कोई दो अंतर लिखिए।
2. परागण क्या है? इसके प्रकार बताइए।
3. बीजाणुजनन किसमें होता है?
4. फूल के भागों का चित्र बनाइए और उनके कार्य लिखिए।
5. बीज का प्रसार किन-किन तरीकों से होता है?
निष्कर्ष
पौधों में प्रजनन एक अत्यंत सुंदर और वैज्ञानिक प्रक्रिया है। यह हमें न केवल जीवन की
मूलभूत समझ देता है, बल्कि प्रकृति की चतुराई और संतुलन
को भी उजागर करता है।
यह विषय परीक्षा की दृष्टि से महत्वपूर्ण तो है ही, साथ ही यह जीवन की सराहना करने का एक वैज्ञानिक तरीका भी है।
यहाँ "पौधों में प्रजनन (Reproduction in Plants)" पर आधारित प्रश्न और उत्तर दिए गए हैं। ये प्रश्न बोर्ड परीक्षाओं और विषय की गहराई से समझ के लिए उपयोगी हैं।
1. पौधों में प्रजनन क्या होता है? इसके प्रकारों को समझाइए।
उत्तर:
प्रजनन वह प्रक्रिया है जिससे पौधे अपने जैसे नए पौधे उत्पन्न करते
हैं। यह दो प्रकार का होता है:
1. अलैंगिक प्रजनन: एक जनक से, बिना युग्मनज के संतान बनती है।
2. लैंगिक प्रजनन: नर व मादा जनन कोशिकाओं के मेल से संतान उत्पन्न होती है।
2. अलैंगिक प्रजनन की चार विधियाँ उदाहरण सहित समझाइए।
उत्तर:
1. खंडन (Fragmentation): स्पाइरोगाइरा
2. कलिका जनन (Budding): यीस्ट
3. बीजाणुजनन (Spore Formation): राईजोपस (फफूंदी)
4. पादप अंगों द्वारा:
o आलू (तना)
o ब्रायोफिलम (पत्ती)
o मीठा आलू (जड़)
3. लैंगिक प्रजनन क्या होता है? इसकी प्रक्रिया समझाइए।
उत्तर:
लैंगिक प्रजनन में नर (पुंकेसर) और मादा (अंडप) जनन कोशिकाओं का मेल
होता है। परागकण अंडप पर गिरते हैं (परागण), निषेचन होता है,
युग्मनज बनता है, और यह भ्रूण में बदलकर बीज व
फल बनाता है।
4. पुष्प के अंगों को चित्र सहित समझाइए।
उत्तर:
1. पुंकेसर (Stamen): परागकण बनाता है – नर जनन अंग
2. अंडप (Carpel): अंडाणु बनाता है – मादा जनन अंग
3. पंखुड़ी (Petal): कीटों को आकर्षित करती है
4. दल (Sepal): कली की रक्षा करता है
5. परागण क्या है? इसके प्रकारों का वर्णन कीजिए।
उत्तर:
परागण वह प्रक्रिया है जिसमें परागकण पुंकेसर से अंडप के वर्तिकाग्र
पर जाते हैं।
प्रकार:
1. स्व-परागण: एक ही फूल या पौधे में
2. पर-परागण: एक पौधे से दूसरे पौधे में
6. निषेचन क्या है? इसकी प्रक्रिया समझाइए।
उत्तर:
जब परागनली के द्वारा नर कोशिका अंडाणु से मिलती है, तो निषेचन होता है। इससे युग्मनज बनता है, जो भ्रूण
में बदलता है। यह भ्रूण बीज का हिस्सा बनता है।
7. बीज और फल बनने की प्रक्रिया को समझाइए।
उत्तर:
निषेचन के बाद अंडाणु से बीज और अंडाशय से फल बनता है। बीज में
भ्रूण, बीजावरण और खाद्य भंडार होता है जो अंकुरण में सहायक
होता है।
8. बीजों के प्रसार की आवश्यकता क्यों होती है?
उत्तर:
- पौधों को फैलने का अवसर मिलता है
- भीड़-भाड़ से बचाव
- पौधों की प्रजाति विस्तृत होती है
- उचित स्थान मिलने पर बेहतर वृद्धि होती है
9. बीजों के प्रसार के चार माध्यम बताइए। उदाहरण सहित।
उत्तर:
1. हवा: कपास, मेंहदी
2. जल: नारियल, कमल
3. पशु: बेर, आम
4. स्वविक्षेपण: मटर, बिंदुचूड़
10. ब्रायोफिलम में प्रजनन किस प्रकार होता है?
उत्तर:
ब्रायोफिलम की पत्तियों के किनारों पर कलिकाएँ बनती हैं जो मिट्टी
में गिरकर नए पौधे बनाती हैं। यह एक अलैंगिक विधि है।
11. स्पाइरोगाइरा में खंडन द्वारा प्रजनन कैसे होता है?
उत्तर:
स्पाइरोगाइरा का तंतु टूटकर प्रत्येक टुकड़ा नए पौधे में विकसित हो
जाता है। यह पानी में पाए जाने वाले शैवालों की विशेषता है।
12. यीस्ट में कलिका जनन प्रक्रिया को समझाइए।
उत्तर:
यीस्ट की कोशिका से एक छोटी कोशिका (कलिका) निकलती है, जो धीरे-धीरे बड़ी होकर मुख्य कोशिका से अलग होकर नया जीव बनती है।
13. फूल पौधे का जनन अंग कैसे है?
उत्तर:
फूल में पुंकेसर (नर अंग) और अंडप (मादा अंग) होते हैं जो परागकण और
अंडाणु बनाते हैं। ये निषेचन की प्रक्रिया में भाग लेते हैं और बीज व फल का
निर्माण करते हैं।
14. बीज के भागों का वर्णन कीजिए।
उत्तर:
1. बीजावरण: सुरक्षा करता है
2. भ्रूण: नए पौधे का विकास करता है
3. कोटिलेडन (बीजपत्र): खाद्य भंडारण करता है
4. प्लुम्यूल और रेडिकल: पत्तियाँ और जड़ें बनाते हैं
15. पर-परागण में कौन-कौन से बाहरी एजेंट भाग लेते हैं?
उत्तर:
1. हवा – हल्के परागकण
2. जल – जलीय पौधे
3. कीट – मधुमक्खी, तितली
4. पक्षी – तोता, हमिंगबर्ड
16. स्व-परागण के लाभ और हानियाँ लिखिए।
उत्तर:
लाभ:
- फूलों की आवश्यकता नहीं
- कम परागकण में कार्य संभव
हानियाँ: - आनुवंशिक विविधता नहीं
- कमजोर संतति
17. पौधों में लैंगिक प्रजनन क्यों आवश्यक है?
उत्तर:
- आनुवंशिक विविधता बढ़ती है
- वातावरण के अनुसार अनुकूल संतान बनती है
- प्रजाति मजबूत बनती है
- विकास की संभावना अधिक होती है
18. बीजाणुजनन की प्रक्रिया को समझाइए।
उत्तर:
कुछ पौधे जैसे फर्न, फफूंदी आदि बीजाणु बनाते
हैं। ये बीजाणु हल्के और हवा से उड़कर अनुकूल परिस्थितियों में नए पौधे बनाते हैं।
19. पादप अंगों से प्रजनन में कौन-कौन से अंग भाग लेते हैं?
उत्तर:
1. जड़: मीठा आलू
2. तना: आलू, अदरक
3. पत्ती:
ब्रायोफिलम
ये पौधे के भाग होते हुए भी नई पौध तैयार कर सकते हैं।
20. लैंगिक और अलैंगिक प्रजनन में अंतर लिखिए।
उत्तर:
आधार | लैंगिक प्रजनन | अलैंगिक प्रजनन |
---|---|---|
जनक | दो (नर-मादा) | एक |
प्रक्रिया | निषेचन आवश्यक | निषेचन नहीं होता |
संतान | आनुवंशिक विविधता | क्लोन (एक जैसी) |
उदाहरण | फूल वाले पौधे | ब्रायोफिलम, यीस्ट |
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