विशेषण (Adjective)
विशेषण (Adjective)
विशेषण हिंदी व्याकरण का वह महत्वपूर्ण शब्द-भेद है जो किसी संज्ञा या सर्वनाम की विशेषता, गुण, संख्या, या अवस्था का वर्णन करता है। यह शब्द वाक्य में अधिक जानकारी और स्पष्टता प्रदान करता है।
विशेषण की परिभाषा
विशेषण वह शब्द है जो किसी संज्ञा या सर्वनाम की
विशेषता, रूप, रंग,
आकार, मात्रा, गुण,
या संख्या बताता है।
उदाहरण:
1. लाल फूल (यहाँ "लाल" विशेषण है और "फूल" संज्ञा)।
2. पाँच किताबें (यहाँ "पाँच" विशेषण है और "किताबें" संज्ञा)।
विशेषण के प्रकार
1. गुणवाचक विशेषण (Adjective of Quality)
यह संज्ञा या सर्वनाम के गुण, रंग, रूप, या
अवस्था का बोध कराता है।
उदाहरण: सुंदर लड़की, तेज घोड़ा, मीठा आम
2. परिमाणवाचक विशेषण (Adjective of Quantity)
यह संज्ञा या सर्वनाम की मात्रा या परिमाण को दर्शाता
है।
उदाहरण: थोड़ा पानी, अधिक भोजन, कुछ मेहनत
3. संख्यावाचक विशेषण (Adjective of Number)
यह संज्ञा या सर्वनाम की संख्या या क्रम को बताता है।
- निश्चित संख्या: तीन लड़के, पचास छात्र
- अनिश्चित संख्या: कुछ बच्चे, कई लोग
- क्रम संख्या: पहला स्थान, दूसरा प्रयास
4. संबंधवाचक विशेषण (Possessive Adjective)
यह संज्ञा या सर्वनाम के साथ संबंध दर्शाता है।
उदाहरण: मेरा घर, तुम्हारी किताब, उनका विद्यालय
5. प्रश्नवाचक विशेषण (Interrogative Adjective)
यह प्रश्न पूछने के लिए प्रयोग होता है और संज्ञा या
सर्वनाम के साथ जुड़ा होता है।
उदाहरण: कौन-सी पुस्तक, किस लड़के ने किया?
6. निश्रयवाचक विशेषण (Demonstrative Adjective)
यह संज्ञा या सर्वनाम की ओर संकेत करता है।
उदाहरण: यह बच्चा, वह कक्षा, ये फल
विशेषण की विशेषताएँ
1. यह संज्ञा या सर्वनाम की विशेषता, संख्या, या संबंध को व्यक्त करता है।
2. वाक्य में विशेषण संज्ञा या सर्वनाम के ठीक पहले आता है।
3. विशेषण का रूप संज्ञा या सर्वनाम के लिंग, वचन और कारक के अनुसार बदल सकता है।
उदाहरण:
o सुंदर लड़का → सुंदर लड़के
o मीठा फल → मीठे फल
विशेषण के वाक्य में प्रयोग
1. गुणवाचक विशेषण: यह एक सुंदर चित्र है।
2. परिमाणवाचक विशेषण: उसने थोड़ा खाना खाया।
3. संख्यावाचक विशेषण: पाँच छात्र परीक्षा में बैठे।
4. संबंधवाचक विशेषण: यह मेरी किताब है।
5. प्रश्नवाचक विशेषण: तुम्हारे पास कौन-सी कलम है?
6. निश्रयवाचक विशेषण: वह लड़का बहुत तेज है।
विशेषण और संज्ञा का संबंध
विशेषण हमेशा संज्ञा या सर्वनाम के बारे में अधिक जानकारी प्रदान करता है।
- संज्ञा: राम एक लड़का है।
- विशेषण: राम एक अच्छा लड़का है।
विशेषण के प्रयोग में सावधानियाँ
1. विशेषण का संज्ञा के साथ लिंग और वचन का मेल होना
चाहिए।
गलत: वह सुंदर लड़की है।
सही: वह सुंदर लड़का है।
2. सही संदर्भ में विशेषण का उपयोग करें ताकि वाक्य का
अर्थ स्पष्ट हो।
गलत: मैंने मीठा पानी पिया।
(मीठा → पानी के लिए संदर्भित नहीं होता।)
सही: मैंने ठंडा पानी पिया।
विशेषण का महत्व
1. वाक्य को अधिक रोचक और वर्णनात्मक बनाता है।
2. संज्ञा और सर्वनाम के अर्थ को स्पष्ट और विस्तृत करता है।
3. भाषा को साहित्यिक और सौंदर्यपूर्ण बनाता है।
विशेषण के कुछ और उदाहरण
1. गुणवाचक: बड़ी बिल्डिंग, गहरा समुद्र
2. परिमाणवाचक: पर्याप्त पानी, कम प्रयास
3. संख्यावाचक: दस लोग, तीसरा अध्याय
4. संबंधवाचक: उनकी कार, उसका घर
5. प्रश्नवाचक: कैसी जगह, किस पुस्तक की बात हो रही है?
विशेषण के अन्य विशेष प्रकार
1. तुलनात्मक विशेषण (Comparative Adjective)
यह किसी दो वस्तुओं,
व्यक्तियों, या स्थानों की तुलना करने के लिए
उपयोग होता है।
उदाहरण:
- राम सीता से लंबा है।
- यह पुस्तक उस पुस्तक से अच्छी है।
2. श्रेष्ठता वाचक विशेषण (Superlative Adjective)
यह किसी समूह में किसी एक वस्तु, व्यक्ति, या स्थान को सर्वोत्तम
बताने के लिए उपयोग होता है।
उदाहरण:
- राम कक्षा का सर्वश्रेष्ठ छात्र है।
- यह दुनिया का सबसे सुंदर स्थान है।
3. सार्वनामिक विशेषण (Pronominal Adjective)
यह ऐसे सर्वनाम होते हैं जो विशेषण का कार्य करते
हैं।
उदाहरण:
- यह किताब मेरी है। ("यह" सर्वनामिक विशेषण है।)
- उसकी गाड़ी बड़ी है। ("उसकी" सर्वनामिक विशेषण है।)
4. भाववाचक विशेषण (Abstract Adjective)
यह किसी संज्ञा के भाव,
गुण, या अवस्था का वर्णन करता है।
उदाहरण:
- उसकी बातें मधुर हैं।
- यह निर्णय साहसिक था।
विशेषण के निर्माण के तरीके
विशेषण विभिन्न प्रकार से बनाए जा सकते हैं:
1. मूल शब्द से:
- गुण: सुंदर, अच्छा, बुरा
- संख्या: पहला, दूसरा, तीसरा
2. विशेषण में प्रत्यय जोड़कर:
- उदाहरण:
- धन → धनवान
- ज्ञान → ज्ञानवान
- शक्ति → शक्तिशाली
3. संज्ञा से विशेषण:
- उदाहरण:
- फूल → फूलों जैसा
- मोती → मोती जैसा
4. विशेषण को विशेष रूप देकर:
- सुंदर → सुंदरी, सुंदरतम
- तेज → तीव्र, तीव्रतम
विशेषण के वाक्य में विशेष प्रयोग
1. विशेषण का विस्तार:
o राम एक अच्छा लड़का है।
o वह एक बहुत अच्छा लड़का है। (विशेषण को विस्तार देने से वाक्य अधिक प्रभावी बनता है।)
2. विशेषण का गहराई में प्रयोग:
o साधारण: यह एक सुंदर स्थान है।
o विस्तृत: यह एक बेहद शांत और प्राकृतिक रूप से सुंदर स्थान है।
3. विशेषणों का समूह:
o वह एक साहसी,
बुद्धिमान और दयालु व्यक्ति है।
(यहाँ एक साथ कई विशेषणों का उपयोग किया गया है।)
विशेषण में त्रुटियाँ और उनके सुधार
1. लिंग और वचन का असंतुलन:
त्रुटिपूर्ण: वह एक सुंदर लड़का है।
सही: वह एक सुंदर लड़की है।
(विशेषण को संज्ञा के लिंग और वचन के अनुसार बदलना चाहिए।)
2. विशेषण का अनावश्यक प्रयोग:
त्रुटिपूर्ण: वह बहुत सुंदर, शानदार और अद्भुत व्यक्ति है।
सुधार: वह शानदार व्यक्ति है।
(अधिक विशेषणों से वाक्य बोझिल हो सकता है।)
3. अव्यवस्थित विशेषण:
त्रुटिपूर्ण: मैंने लंबा सुंदर आदमी
देखा।
सुधार: मैंने सुंदर लंबा आदमी देखा।
(विशेषणों का सही क्रम आवश्यक है।)
विशेषण और साहित्यिक भाषा
विशेषण साहित्य में सुंदरता, कल्पना, और भावनाओं को व्यक्त करने में अहम भूमिका निभाता है।
·
काव्य
में:
"हरे-भरे खेतों के बीच चमकता नीला आकाश, स्वर्णिम सूर्य की किरणें।"
(यहाँ हरे-भरे, नीला, स्वर्णिम
विशेषण हैं।)
·
गद्य
में:
"वह एक ऊँची पहाड़ी पर बसा हुआ, शांत
और सुरम्य गाँव है।"
(ऊँची, शांत, सुरम्य
विशेषण हैं।)
विशेषण और इसका महत्व
1. भाषा को प्रभावशाली बनाना:
वाक्य में अधिक जानकारी और स्पष्टता प्रदान करता है।
2. वर्णनात्मकता:
किसी दृश्य, भावना, या
वस्तु का सजीव चित्रण करता है।
3. साहित्यिक सौंदर्य:
काव्य और कहानियों में विशेषण के प्रयोग से भावनाएँ गहरी और सुंदर
बनती हैं।
विशेषण के और उदाहरण
1. गुणवाचक:
- हरा पेड़, साफ पानी, सुंदर परिदृश्य
2. परिमाणवाचक:
- थोड़ा धन, अधिक प्रयास, पर्याप्त भोजन
3. संख्यावाचक:
- दो छात्र, पहला स्थान, तीसरा अध्याय
विशेषण की भाषा में भूमिका
विशेषण हमें अपनी भावनाओं और विचारों को बेहतर ढंग से व्यक्त करने में मदद करते हैं। चाहे वह किसी चीज़ की सुंदरता बतानी हो, संख्या का उल्लेख करना हो, या किसी व्यक्ति का स्वभाव व्यक्त करना हो—विशेषण हर प्रकार की अभिव्यक्ति का हिस्सा हैं।
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