जन्तुओं में हॉर्मोन (Hormones in Animals)
जन्तुओं में हॉर्मोन (Hormones in Animals)
हॉर्मोन रासायनिक संदेशवाहक होते हैं जो शरीर के विभिन्न अंगों और कोशिकाओं में बनते हैं और शरीर के विभिन्न कार्यों को नियंत्रित करते हैं। ये हॉर्मोन शरीर के भीतर और बाहर के परिवर्तनों के प्रति प्रतिक्रियाओं को सुसंगत और संतुलित बनाए रखते हैं। मनुष्य और अन्य जन्तुओं में हॉर्मोन मुख्य रूप से एंडोक्राइन ग्रंथियों (Endocrine Glands) द्वारा स्रावित होते हैं।
हॉर्मोन की परिभाषा:
हॉर्मोन रासायनिक यौगिक होते हैं, जो शरीर के विभिन्न अंगों और कोशिकाओं में भेजे जाते हैं। ये शरीर के अंगों और तंत्रों के बीच संदेश भेजकर उनके कार्यों को नियंत्रित और समन्वित करते हैं। हॉर्मोन रक्त के माध्यम से शरीर के विभिन्न हिस्सों तक पहुँचते हैं, और वे शरीर के विकास, वृद्धि, मेटाबोलिज्म (चयापचय), और अन्य शारीरिक क्रियाओं को नियंत्रित करते हैं।
हॉर्मोन के प्रकार और उनके कार्य:
मानव और अन्य जन्तुओं में कई प्रकार के हॉर्मोन होते हैं, जो विभिन्न शारीरिक कार्यों के लिए जिम्मेदार होते हैं। प्रमुख हॉर्मोन निम्नलिखित हैं:
1. इंसुलिन (Insulin)
· स्राव स्थान: पैंक्रियास (Pancreas)
· कार्य: इंसुलिन हॉर्मोन रक्त में शर्करा (ग्लूकोज) का स्तर नियंत्रित करता है। यह शरीर की कोशिकाओं को ग्लूकोज अवशोषित करने में मदद करता है, जिससे ऊर्जा का उत्पादन होता है। इसका मुख्य कार्य शर्करा को रक्त से कोशिकाओं में स्थानांतरित करना और रक्त शर्करा का स्तर कम करना है।
· संबंधित रोग: यदि इंसुलिन का स्राव कम हो जाता है, तो इससे मधुमेह (Diabetes) जैसी बीमारी हो सकती है।
2. एड्रेनालिन (Adrenaline)
· स्राव स्थान: अधिवृक्क ग्रंथियाँ (Adrenal Glands)
· कार्य: एड्रेनालिन हॉर्मोन शरीर की प्रतिक्रिया को तेज करता है, खासकर जब शरीर खतरे में होता है (जैसे डर या तनाव)। यह शरीर में शारीरिक क्रियाओं को तेज़ करता है, जैसे दिल की धड़कन बढ़ाना, रक्तचाप बढ़ाना, और श्वसन दर को बढ़ाना।
· संबंधित प्रभाव: इसे "फाइट-ऑर-फ्लाइट" हॉर्मोन भी कहा जाता है, क्योंकि यह शरीर को संकट की स्थिति में जल्दी प्रतिक्रिया देने में मदद करता है।
3. थाइरोनिन (Thyroxine)
· स्राव स्थान: थाइरोइड ग्रंथि (Thyroid Gland)
· कार्य: थाइरोनिन हॉर्मोन शरीर के मेटाबोलिज्म (चयापचय) को नियंत्रित करता है। यह ऊर्जा का उत्पादन और उपभोग बढ़ाता है, जिससे शरीर का तापमान और ऊर्जा स्तर नियंत्रित रहता है। थाइरोनिन शरीर के विकास, वृद्धि और कोशिका गतिविधियों को भी प्रभावित करता है।
· संबंधित रोग: थाइरोनिन की कमी से हाइपोथायरायडिज्म (Hypothyroidism) और अधिकता से हायपरथायरायडिज्म (Hyperthyroidism) हो सकता है।
4. एस्ट्रोजन (Estrogen)
· स्राव स्थान: अंडाशय (Ovaries)
· कार्य: एस्ट्रोजन मुख्य रूप से महिलाओं के जननांगों की वृद्धि और यौन लक्षणों के विकास में महत्वपूर्ण होता है। यह मासिक धर्म चक्र को नियंत्रित करता है और गर्भधारण के लिए आवश्यक परिवर्तनों को उत्पन्न करता है। पुरुषों में भी कुछ मात्रा में एस्ट्रोजन होता है, लेकिन इसका कार्य बहुत कम होता है।
· संबंधित प्रभाव: यह हार्मोन महिलाओं में शरीर के अंगों के विकास, जैसे स्तनों की वृद्धि, को नियंत्रित करता है।
5. प्रोजेस्टरोन (Progesterone)
· स्राव स्थान: अंडाशय और गर्भाशय (Ovaries and Uterus)
· कार्य: प्रोजेस्टरोन हॉर्मोन गर्भधारण के लिए आवश्यक होता है। यह गर्भाशय की परत को गर्भधारण के लिए तैयार करता है और गर्भाशय में अंडाणु के निषेचन के बाद उसके विकास को सुनिश्चित करता है।
· संबंधित प्रभाव: यह हार्मोन मासिक धर्म चक्र के दूसरे हिस्से में बढ़ता है और गर्भधारण के समय महत्वपूर्ण होता है।
6. टेस्टोस्टेरोन (Testosterone)
· स्राव स्थान: अंडकोष (Testes)
· कार्य: टेस्टोस्टेरोन पुरुषों के यौन लक्षणों और प्रजनन अंगों के विकास के लिए जिम्मेदार होता है। यह मांसपेशियों की वृद्धि, हड्डियों के विकास, और शरीर के बालों के विकास को बढ़ावा देता है।
· संबंधित प्रभाव: यह हार्मोन पुरुषों में यौन इच्छा, प्रजनन क्षमता और शरीर के आकार को नियंत्रित करता है।
7. ऑक्सिटोसिन (Oxytocin)
· स्राव स्थान: पिट्यूटरी ग्रंथि (Pituitary Gland)
· कार्य: ऑक्सिटोसिन हॉर्मोन गर्भावस्था और प्रसव के दौरान महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। यह गर्भाशय के संकुचन को प्रेरित करता है और दूध के प्रवाह को प्रोत्साहित करता है। इसे "लव हॉर्मोन" भी कहा जाता है क्योंकि यह बंधन और प्रेम के भावनात्मक पहलुओं में मदद करता है।
· संबंधित प्रभाव: यह प्रसव के दौरान माता के शरीर में संकुचन उत्पन्न करता है और नवजात के साथ माँ के बंधन को मजबूत करता है।
8. कोर्टिसोल (Cortisol)
· स्राव स्थान: अधिवृक्क ग्रंथियाँ (Adrenal Glands)
· कार्य: कोर्टिसोल हॉर्मोन शरीर के तनाव प्रतिक्रिया को नियंत्रित करता है। यह शरीर को तनावपूर्ण परिस्थितियों से निपटने के लिए ऊर्जा प्रदान करता है, और शरीर में सूजन और रक्त शर्करा के स्तर को नियंत्रित करता है।
· संबंधित प्रभाव: इसके उच्च स्तर का लगातार रहना शरीर में रोगों के प्रति संवेदनशीलता को बढ़ा सकता है, और यह मोटापे और अन्य स्वास्थ्य समस्याओं का कारण बन सकता है।
निष्कर्ष:
हॉर्मोन शरीर के अंदर विभिन्न शारीरिक प्रक्रियाओं को नियंत्रित और समन्वित करते हैं। ये रासायनिक संदेशवाहक शरीर की कार्यप्रणाली को संतुलित रखते हैं और जीवन के लिए आवश्यक होते हैं। इन हॉर्मोनों के सटीक स्राव और संतुलन से शरीर स्वस्थ रहता है, जबकि किसी भी हार्मोन की कमी या अधिकता से विभिन्न रोग उत्पन्न हो सकते हैं।
यहाँ 20 महत्वपूर्ण प्रश्नों और उनके उत्तरों की सूची दी गई है। ये प्रश्न उत्तर कक्षा 10 के छात्रों के लिए उपयोगी हैं और प्रतियोगी परीक्षाओं की दृष्टि से भी लाभकारी हैं।
1. जन्तुओं में हॉर्मोन क्या होते हैं? इनके मुख्य लक्षण बताइए।
उत्तर:
हॉर्मोन शरीर में अंत:स्रावी ग्रंथियों द्वारा स्रावित रासायनिक दूत
होते हैं, जो रक्त के माध्यम से शरीर के लक्षित अंगों तक
पहुँचते हैं और उनके कार्यों को नियंत्रित करते हैं। इनके लक्षण:
- अत्यंत सूक्ष्म मात्रा में प्रभावी
- विशेष अंगों पर कार्य करते हैं
- रक्त द्वारा शरीर में प्रसारित होते हैं
- शरीर की वृद्धि, चयापचय, प्रजनन और विकास को नियंत्रित करते हैं
2. पिट्यूटरी ग्रंथि को ‘मास्टर ग्रंथि’ क्यों कहा जाता है?
उत्तर:
पिट्यूटरी ग्रंथि अन्य अंत:स्रावी ग्रंथियों (जैसे थाइरॉयड, एड्रिनल, गोनैड्स) के कार्यों को नियंत्रित करती है।
यह ग्रोथ हॉर्मोन, थाइरॉयड स्टीम्युलेटिंग हॉर्मोन,
FSH, LH आदि स्रावित करती है, इसलिए इसे 'मास्टर ग्रंथि' कहा जाता है।
3. थाइरॉयड ग्रंथि और थायरॉक्सिन हॉर्मोन के कार्य समझाइए।
उत्तर:
थाइरॉयड ग्रंथि गले में स्थित होती है और थायरॉक्सिन हॉर्मोन
स्रावित करती है। यह हॉर्मोन चयापचय दर, ऊर्जा उत्पादन,
शारीरिक वृद्धि, और मानसिक विकास को नियंत्रित
करता है। आयोडीन की कमी से इसकी क्रिया बाधित होती है।
4. इंसुलिन हॉर्मोन क्या है? यह किस ग्रंथि से स्रावित होता है और इसकी भूमिका क्या है?
उत्तर:
इंसुलिन पैंक्रियास की बीटा कोशिकाओं से स्रावित होता है। यह रक्त
में ग्लूकोज की मात्रा को नियंत्रित करता है। इंसुलिन की कमी से मधुमेह रोग होता
है जिसमें रक्त में ग्लूकोज का स्तर असामान्य रूप से बढ़ जाता है।
5. एड्रिनल ग्रंथि और उसके हॉर्मोन के कार्यों को समझाइए।
उत्तर:
एड्रिनल ग्रंथि किडनी के ऊपर स्थित होती है और एड्रिनालिन, नॉरएड्रिनालिन तथा कॉर्टिसोल जैसे हॉर्मोन बनाती है। एड्रिनालिन ‘फाइट या फ्लाइट’ प्रतिक्रिया में मदद करता है। यह
तनाव की स्थिति में शरीर को सतर्क करता है।
6. ग्रोथ हॉर्मोन क्या है और इसकी कमी या अधिकता से क्या प्रभाव पड़ता है?
उत्तर:
यह पिट्यूटरी ग्रंथि से स्रावित होता है।
- कमी से बच्चों में बौनेपन (dwarfism) की स्थिति होती है
- अधिकता से जाइगैंटिज़्म या एक्रोमेगाली हो सकता है (विशाल शरीर या अंग)
7. टेस्टोस्टेरोन हॉर्मोन क्या है? इसका कार्य बताइए।
उत्तर:
टेस्टोस्टेरोन अंडकोष द्वारा स्रावित होता है और पुरुषों में
द्वितीयक यौन लक्षणों (जैसे दाढ़ी-मूंछ, भारी आवाज़, मांसपेशियों का विकास) के लिए जिम्मेदार होता है। यह शुक्राणु उत्पादन और
यौन इच्छा को भी नियंत्रित करता है।
8. एस्ट्रोजन और प्रोजेस्टेरोन क्या हैं? इनके कार्य समझाइए।
उत्तर:
ये महिला यौन हॉर्मोन हैं:
- एस्ट्रोजन: अंडाशय से स्रावित होता है, यह द्वितीयक यौन लक्षणों (स्तन विकास, मासिक धर्म) के लिए जिम्मेदार है।
- प्रोजेस्टेरोन: गर्भावस्था को बनाए रखने और भ्रूण के विकास में सहायक होता है।
9. हॉर्मोन और एंजाइम में अंतर स्पष्ट कीजिए।
उत्तर:
आधार | हॉर्मोन | एंजाइम |
---|---|---|
उत्पत्ति | अंत:स्रावी ग्रंथि | विशिष्ट अंग या कोशिकाएं |
कार्य | जैव क्रियाओं का नियंत्रण | जैव रासायनिक क्रियाओं को तेज करना |
कार्यक्षेत्र | लक्षित अंग | सब्सट्रेट विशेष |
मात्रा | सूक्ष्म | अधिक |
10. मधुमेह रोग कैसे होता है? इसमें कौन-सा हॉर्मोन शामिल है?
उत्तर:
यह रोग तब होता है जब पैंक्रियास पर्याप्त इंसुलिन नहीं बनाता या
शरीर उसे उपयोग नहीं कर पाता। इससे रक्त में ग्लूकोज की मात्रा अधिक हो जाती है।
इसे डायबिटीज मेलिटस कहते हैं।
11. अंत:स्रावी और बहिर्स्रावी ग्रंथियों में अंतर बताइए।
उत्तर:
- अंत:स्रावी ग्रंथियाँ हॉर्मोन को रक्त में सीधे छोड़ती हैं (जैसे थाइरॉयड, पिट्यूटरी)।
- बहिर्स्रावी ग्रंथियाँ अपने स्राव को नलियों द्वारा बाहर निकालती हैं (जैसे लार ग्रंथि, पसीना ग्रंथि)।
12. 'फाइट और फ्लाइट' प्रतिक्रिया क्या होती है?
उत्तर:
जब शरीर को डर, खतरे या तनाव का अनुभव होता है
तो एड्रिनालिन हॉर्मोन स्रावित होता है। यह दिल की गति, सांस
की दर और मांसपेशियों को ऊर्जा की आपूर्ति बढ़ाता है जिससे शरीर त्वरित
प्रतिक्रिया दे पाता है।
13. महिलाओं में मासिक धर्म चक्र में हॉर्मोन की क्या भूमिका होती है?
उत्तर:
FSH और LH (पिट्यूटरी से), एस्ट्रोजन और प्रोजेस्टेरोन (अंडाशय से) मासिक धर्म चक्र को नियंत्रित
करते हैं। ये अंडोत्सर्ग, गर्भाशय की परत और गर्भधारण के लिए
वातावरण तैयार करते हैं।
14. हॉर्मोन असंतुलन के दुष्परिणाम बताइए।
उत्तर:
- थायरॉक्सिन की कमी से गॉइटर
- इंसुलिन की कमी से डायबिटीज
- टेस्टोस्टेरोन या एस्ट्रोजन की कमी से प्रजनन समस्याएं
- ग्रोथ हॉर्मोन की असंतुलन से बौनेपन या विशालकायता
15. जन्तुओं में हॉर्मोन कैसे लक्षित अंगों तक पहुँचते हैं?
उत्तर:
हॉर्मोन रक्त के माध्यम से शरीर में घूमते हैं और केवल उन्हीं अंगों
पर कार्य करते हैं जिनके पास उस विशेष हॉर्मोन के लिए रिसेप्टर होता है।
16. हॉर्मोन थेरेपी क्या होती है? इसके उपयोग बताइए।
उत्तर:
हॉर्मोन थेरेपी वह चिकित्सा पद्धति है जिसमें शरीर में हॉर्मोन की
कमी को कृत्रिम हॉर्मोन देकर पूरा किया जाता है। इसका उपयोग:
- डायबिटीज में इंसुलिन
- थायरॉइड की कमी में थायरॉक्सिन
- प्रजनन चिकित्सा में FSH, LH
17. प्रसव के समय कौन-सा हॉर्मोन कार्य करता है?
उत्तर:
ऑक्सीटोसिन (पिट्यूटरी से स्रावित) गर्भाशय की मांसपेशियों को
संकुचित करता है, जिससे प्रसव होता है। यह बच्चे के जन्म के
बाद दूध स्राव (लेट-डाउन) में भी मदद करता है।
18. सेरोटोनिन और डोपामिन क्या हैं? इनका मानसिक स्वास्थ्य से क्या संबंध है?
उत्तर:
ये न्यूरोट्रांसमीटर हैं, लेकिन कभी-कभी
हॉर्मोन की तरह कार्य करते हैं।
- सेरोटोनिन: मूड और नींद नियंत्रित करता है
- डोपामिन: प्रसन्नता और प्रेरणा से जुड़ा होता है
इनकी कमी से डिप्रेशन या मानसिक रोग हो सकते हैं।
19. जन्तुओं में हॉर्मोनल नियंत्रण कैसे विकास को प्रभावित करता है?
उत्तर:
ग्रोथ हॉर्मोन, थायरॉक्सिन, सेक्स हॉर्मोन आदि शरीर के शारीरिक, मानसिक और यौन
विकास को प्रभावित करते हैं। इनकी संतुलित मात्रा स्वस्थ विकास के लिए आवश्यक है।
20. कृत्रिम हॉर्मोन का प्रयोग किन क्षेत्रों में होता है?
उत्तर:
- पशुपालन में दूध उत्पादन बढ़ाने
- प्रजनन चिकित्सा
- हार्मोनल असंतुलन के इलाज में
- कैंसर उपचार (जैसे ब्रेस्ट कैंसर में एंटी-एस्ट्रोजन)
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