तंत्रिका तंत्र – ऐच्छिक तथा अनैच्छिक पेशियां (Nervous system - voluntary and involuntary muscles)

 


तंत्रिका तंत्र ऐच्छिक तथा अनैच्छिक पेशियां (Nervous system - voluntary and involuntary muscles)


 

 प्रस्तावना

हमारा शरीर एक अद्भुत मशीन है जो हर क्षण हजारों काम करता है कुछ हमारी इच्छा से और कुछ बिना हमारी जानकारी के। जब हम चलते हैं, मुस्कराते हैं या दौड़ते हैं, तब हमारे शरीर की कुछ पेशियाँ काम कर रही होती हैं। वहीं दूसरी ओर, हमारा दिल धड़कता है, आंतें भोजन पचाती हैं ये सब अपने आप हो रहा होता है। इन सबके पीछे काम करता है तंत्रिका तंत्र और इससे जुड़ी दो प्रकार की पेशियाँ: ऐच्छिक (Voluntary) पेशियाँ और अनैच्छिक (Involuntary) पेशियाँ

इस ब्लॉग में हम सरल भाषा में समझेंगे कि तंत्रिका तंत्र क्या होता है, ऐच्छिक और अनैच्छिक पेशियाँ क्या होती हैं, और इन दोनों में क्या अंतर होता है।


 

 

 

 

 

 


तंत्रिका तंत्र क्या है?


 

तंत्रिका तंत्र (Nervous System) वह प्रणाली है जो हमारे शरीर में सूचनाओं को एक स्थान से दूसरे स्थान तक पहुँचाती है और शरीर के हर अंग को उचित प्रतिक्रिया देने का निर्देश देती है।

 

तंत्रिका तंत्र का मुख्य कार्य होता है:

  • सूचना ग्रहण करना (Input)
  • निर्णय लेना (Processing)
  • प्रतिक्रिया देना (Response)

 

तंत्रिका तंत्र मुख्यतः दो भागों में बांटा गया है:

1.  केंद्रीय तंत्रिका तंत्र (CNS)इसमें मस्तिष्क और रीढ़ की हड्डी शामिल हैं।

2.  परिधीय तंत्रिका तंत्र (PNS)इसमें शरीर के बाकी हिस्सों में फैली तंत्रिकाएँ आती हैं।


 

 

 

 

 

 

 


ऐच्छिक क्रियाएं और पेशियाँ (Voluntary Actions and Muscles)


 

ऐच्छिक क्रियाएं वे होती हैं जिन्हें हम अपनी इच्छा से करते हैं, जैसे चलना, बोलना, लिखना, दौड़ना, हँसना आदि।

इन क्रियाओं में जो पेशियाँ कार्य करती हैं उन्हें कहते हैं ऐच्छिक पेशियाँ (Voluntary Muscles)। ये मांसपेशियाँ हमारे नियंत्रण में होती हैं। इन्हें कंकाल पेशियाँ (Skeletal Muscles) भी कहा जाता है क्योंकि ये हड्डियों से जुड़ी होती हैं।

 

ऐच्छिक पेशियों की विशेषताएँ:

  • ये लंबी, बेलनाकार और बहु-कोशिकीय होती हैं।
  • इन पर धारियाँ (striations) होती हैं, इसलिए इन्हें धारीदार पेशियाँ भी कहते हैं।
  • ये हमारी मर्जी से काम करती हैं।
  • थकावट जल्दी हो जाती है, जैसे ज़्यादा दौड़ने पर पैरों की मांसपेशियाँ थक जाती हैं।
  •  

 ऐच्छिक पेशियों का नियंत्रण:

इन पेशियों का नियंत्रण मस्तिष्क के मोटर क्षेत्र (motor area) द्वारा किया जाता है। जब हम किसी भी कार्य को करने की सोचते हैं, तो मस्तिष्क तंत्रिकाओं के जरिए पेशियों को संदेश भेजता है।


 

 

 

 

 

 

 


अनैच्छिक क्रियाएं और पेशियाँ (Involuntary Actions and Muscles)


 

अनैच्छिक क्रियाएं वे होती हैं जो बिना हमारी इच्छा के होती हैं, जैसे हृदय की धड़कन, भोजन का पाचन, सांस लेना, पसीना आना आदि।

इन क्रियाओं में जो पेशियाँ काम करती हैं उन्हें कहते हैं अनैच्छिक पेशियाँ (Involuntary Muscles)

 

इनका मुख्य कार्य शरीर की आंतरिक गतिविधियों को नियंत्रित करना है।

अनैच्छिक पेशियों के प्रकार:

1.  मृदु पेशियाँ (Smooth Muscles):

o    आंत, पेट, मूत्राशय, रक्त वाहिकाएँ आदि में पाई जाती हैं।

o    एकल केंद्रक वाली होती हैं।

o    बिना धारियों के होती हैं (non-striated)

o    धीमी पर स्थिर गति से काम करती हैं।

o    थकती नहीं हैं।

2.  हृदय पेशियाँ (Cardiac Muscles):

o    केवल हृदय में पाई जाती हैं।

o    दिखने में धारीदार होती हैं पर हमारी इच्छा से नियंत्रित नहीं होतीं।

o    जीवनभर लगातार धड़कती हैं।

o    ये विशेष किस्म की पेशियाँ होती हैं जो धारीदार और अनैच्छिक दोनों होती हैं।

 

अनैच्छिक पेशियों का नियंत्रण:

इन पेशियों का नियंत्रण मस्तिष्क के स्वायत्त तंत्रिका तंत्र (Autonomic Nervous System) द्वारा किया जाता है, जिसमें दो शाखाएं होती हैं:

  • सिंपैथेटिक तंत्रआपात स्थितियों में सक्रिय होता है।
  • पैरासिंपैथेटिक तंत्रशरीर को सामान्य स्थिति में लाता है।

 

 

 

 

 

 

 


ऐच्छिक और अनैच्छिक पेशियों के बीच अंतर


आधार ऐच्छिक पेशियाँ अनैच्छिक पेशियाँ
नियंत्रणहमारी इच्छा सेस्वतः, बिना इच्छा के
स्थानहाथ, पैर, चेहराहृदय, आंतें, रक्त वाहिकाएँ
संरचनाधारीदार, बहुकोशिकीयबिना धारियों के, एकल कोशिका
थकावटजल्दी थकती हैंथकती नहीं हैं
गतितीव्र और अचानकधीमी और स्थिर


 

 

 

 

 

 

 


दैनिक जीवन में इनका महत्त्व


 

  • ऐच्छिक पेशियाँ हमें खेलकूद, दौड़, लेखन, बोलने आदि कार्यों में मदद करती हैं।
  • अनैच्छिक पेशियाँ शरीर की आंतरिक व्यवस्था को बनाए रखती हैं जैसे कि भोजन को पचाना, रक्त संचार को नियंत्रित करना और दिल को धड़काना।

यदि ये दोनों पेशियाँ अपने-अपने कार्य न करें तो न हम सोचकर कोई काम कर पाएंगे, न ही हमारे शरीर की आवश्यक क्रियाएं सही चल पाएंगी।


 

 

 

 

 

 

 

निष्कर्ष

कक्षा 10 के छात्रों के लिए यह समझना ज़रूरी है कि हमारा शरीर बहुत ही व्यवस्थित और संतुलित प्रणाली से चलता है। तंत्रिका तंत्र इस पूरे सिस्टम का निर्देशक है और ऐच्छिक व अनैच्छिक पेशियाँ इसके आदेशों को पालन करती हैं। दोनों प्रकार की मांसपेशियाँ मिलकर हमें पूरी तरह सक्षम और क्रियाशील बनाती हैं।

तो अगली बार जब आप दौड़ें, हँसें या दिल की धड़कन महसूस करें सोचिए कि आपका तंत्रिका तंत्र और पेशियाँ कितनी मेहनत से आपको जीवित और सक्रिय बनाए हुए हैं!


 

 

 

 

 

 

यहाँ कक्षा 10 के विद्यार्थियों के लिए तंत्रिका तंत्र ऐच्छिक तथा अनैच्छिक पेशियां पर आधारित 20 प्रश्न और उनके उत्तर दिए गए हैं। ये प्रश्न छात्रों को परीक्षा में उत्तर लिखने की समझ देने और विषय को गहराई से समझने में सहायक हैं।


 

1. तंत्रिका तंत्र क्या है? इसके प्रमुख कार्यों को समझाइए।

उत्तर:
तंत्रिका तंत्र शरीर का नियंत्रण और समन्वय केंद्र होता है। यह बाहरी और आंतरिक वातावरण से प्राप्त सूचनाओं को ग्रहण करता है, उनका विश्लेषण करता है और शरीर को उपयुक्त प्रतिक्रिया देता है। यह संवेदी अंगों, न्यूरॉन्स, मस्तिष्क और रीढ़ की हड्डी के माध्यम से कार्य करता है।


 

2. तंत्रिका कोशिका (न्यूरॉन) क्या होती है? इसकी संरचना और कार्य समझाइए।

उत्तर:
न्यूरॉन तंत्रिका तंत्र की कार्यात्मक इकाई है। इसमें तीन भाग होते हैं:

  • डेंड्राइट्स: संकेत ग्रहण करते हैं
  • सेल बॉडी: सूचना को प्रोसेस करता है
  • एक्सॉन: संदेश को आगे भेजता है
    न्यूरॉन विद्युत और रासायनिक संदेशों को एक स्थान से दूसरे स्थान तक पहुँचाता है।

 

3. ऐच्छिक क्रियाएं क्या होती हैं? उदाहरण सहित समझाइए।

उत्तर:
ऐच्छिक क्रियाएं वे होती हैं जिन्हें हम अपनी इच्छा से करते हैं, जैसे दौड़ना, बोलना, हँसना, लिखना आदि। इन क्रियाओं में तंत्रिका तंत्र मस्तिष्क से आदेश भेजता है और पेशियाँ उस आदेश पर प्रतिक्रिया करती हैं।


 

4. अनैच्छिक क्रियाएं किसे कहते हैं? दो उदाहरण दें।

उत्तर:
अनैच्छिक क्रियाएं वे होती हैं जो बिना हमारी इच्छा के स्वतः होती हैं। उदाहरण: हृदय का धड़कना, आँतों का भोजन को आगे बढ़ाना। ये स्वायत्त तंत्रिका तंत्र द्वारा नियंत्रित होती हैं।


 

5. ऐच्छिक पेशियाँ क्या होती हैं? इनके मुख्य लक्षण लिखिए।

उत्तर:
ऐच्छिक पेशियाँ वे होती हैं जिन पर हमारा नियंत्रण होता है। ये कंकाल से जुड़ी होती हैं और हमारे चलने, उठने, लिखने जैसी क्रियाओं में सहायता करती हैं।
लक्षण: धारीदार, बहुकोशिकीय, लंबी, थकने वाली।


 

6. अनैच्छिक पेशियाँ क्या होती हैं? इनके प्रकार समझाइए।

उत्तर:
अनैच्छिक पेशियाँ वे होती हैं जो स्वतः कार्य करती हैं। इनके दो प्रकार हैं:

1.  मृदु पेशियाँ (smooth muscles) – आँतों, रक्त वाहिकाओं में

2.  हृदय पेशियाँ (cardiac muscles) – हृदय में पाई जाती हैं


 

7. ऐच्छिक और अनैच्छिक पेशियों में क्या अंतर है?

उत्तर:.
आधार ऐच्छिक पेशियाँ अनैच्छिक पेशियाँ
नियंत्रणहमारी इच्छा सेस्वतः, बिना इच्छा के
स्थानहाथ, पैर, चेहराहृदय, आंतें, रक्त वाहिकाएँ
संरचनाधारीदार, बहुकोशिकीयबिना धारियों के, एकल कोशिका
थकावटजल्दी थकती हैंथकती नहीं हैं
गतितीव्र और अचानकधीमी और स्थिर

 

8. स्वायत्त तंत्रिका तंत्र क्या है? इसके दो भागों का कार्य बताइए।

उत्तर:
स्वायत्त तंत्रिका तंत्र वह भाग है जो अनैच्छिक क्रियाओं को नियंत्रित करता है। इसके दो भाग हैं:

  • सिंपैथेटिक तंत्रआपात स्थितियों में सक्रिय
  • पैरासिंपैथेटिक तंत्रसामान्य अवस्था बनाए रखता है

 

9. हृदय पेशियाँ कैसी होती हैं? इनकी विशेषताएँ लिखिए।

उत्तर:
हृदय पेशियाँ धारीदार होती हैं लेकिन अनैच्छिक होती हैं। ये केवल हृदय में पाई जाती हैं और जीवनभर बिना थके कार्य करती हैं। ये स्वतः संकुचित होती हैं और नियमित रूप से हृदय की धड़कन बनाए रखती हैं।


 

10. मानव तंत्रिका तंत्र के मुख्य घटकों का वर्णन करें।

उत्तर:

1.  केंद्रीय तंत्रिका तंत्र (CNS)मस्तिष्क और स्पाइनल कॉर्ड

2.  परिधीय तंत्रिका तंत्र (PNS)शरीर के अन्य हिस्सों की तंत्रिकाएँ

3.  स्वायत्त तंत्रिका तंत्रअनैच्छिक कार्यों का नियंत्रण


 

11. प्रतिवर्ती क्रिया किसे कहते हैं? उदाहरण सहित समझाइए।

उत्तर:
प्रतिवर्ती क्रिया एक त्वरित, स्वतः प्रतिक्रिया है जो मस्तिष्क तक संदेश भेजे बिना होती है।
उदाहरण: गर्म वस्तु को छूने पर हाथ झट से हटाना।


 

12. प्रतिवर्ती चाप (Reflex Arc) के घटक कौन-कौन से हैं?

उत्तर:

1.  संवेदी अंग

2.  संवेदी तंत्रिका

3.  स्पाइनल कॉर्ड

4.  प्रेरक तंत्रिका

5.  प्रभावक अंग


 

13. मस्तिष्क और स्पाइनल कॉर्ड किस प्रकार संरक्षित रहते हैं?

उत्तर:
मस्तिष्क खोपड़ी में सुरक्षित रहता है और त्रिस्तरीय झिल्ली तथा सेरेब्रोस्पाइनल फ्लूइड से घिरा होता है। स्पाइनल कॉर्ड मेरुदंड में स्थित होता है और हड्डियों तथा झिल्लियों से सुरक्षित रहता है।


 

14. तंत्रिका तंत्र में संदेशों का प्रवाह कैसे होता है?

उत्तर:
डेंड्राइट्स संकेत ग्रहण करते हैं सेल बॉडी में प्रक्रिया होती है एक्सॉन से संकेत आगे बढ़ता है न्यूरॉन से न्यूरॉन तक संदेश सिनैप्स के द्वारा जाता है।


 

15. तंत्रिका तंत्र का जीवन में क्या महत्त्व है?

उत्तर:
यह शरीर को बाहरी दुनिया से जोड़ता है, हमें सोचने, प्रतिक्रिया देने, संतुलन बनाए रखने, और जीवित रहने में मदद करता है। यह क्रियाओं को समन्वित करता है।


 

16. फाइट-या-फ्लाइट प्रतिक्रिया क्या होती है?

उत्तर:
जब शरीर किसी खतरे को महसूस करता है, तो एड्रिनालिन स्रावित होता है जिससे दिल की धड़कन तेज हो जाती है, सांसें तेज चलती हैं और शरीर त्वरित प्रतिक्रिया देने को तैयार हो जाता है।


 

17. धारीदार, मृदु और हृदय पेशियों में अंतर बताइए।

उत्तर:

प्रकार धारीदार मृदु हृदय
नियंत्रणऐच्छिकअनैच्छिकअनैच्छिक
स्थानकंकालआंतेंहृदय
गतितीव्रधीमीनियमित
थकावटजल्दीनहींनहीं

 

18. हमारी मांसपेशियाँ किस प्रकार शरीर को गति देती हैं?

उत्तर:
कंकाल पेशियाँ हड्डियों से जुड़ी होती हैं और तंत्रिका तंत्र से प्राप्त संकेतों पर प्रतिक्रिया देकर सिकुड़ती और फैलती हैं जिससे गति उत्पन्न होती है।


 

19. स्नायु कोशिका और पेशी कोशिका में क्या अंतर है?

उत्तर:

  • स्नायु कोशिका (न्यूरॉन): सूचना संप्रेषण में सहायक
  • पेशी कोशिका: शरीर की गति और शक्ति उत्पादन में सहायक
    दोनों मिलकर ऐच्छिक क्रियाओं को संपन्न करते हैं।

 

20. तंत्रिका तंत्र और पेशियों के समन्वय का उदाहरण दीजिए।

उत्तर:
जब हम फुटबॉल को देखते हैं और उसे मारने का निर्णय लेते हैं, तो आँखें तंत्रिका तंत्र को संकेत भेजती हैं, मस्तिष्क निर्णय लेता है, और पांव की पेशियाँ संकुचित होकर गेंद को मारती हैं। यह तंत्रिका और पेशियों के समन्वय का उत्तम उदाहरण है।


 

 

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