पादप हार्मोन (Plant Hormones)
पादप हार्मोन (Plant Hormones)
पादप हार्मोन वे रासायनिक पदार्थ होते हैं जो पौधों में विभिन्न जैविक क्रियाओं को नियंत्रित और समन्वित करते हैं। ये हार्मोन पौधों के विकास, वृद्धि, प्रतिक्रियाओं और विभिन्न शारीरिक प्रक्रियाओं में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। पौधों में हार्मोन प्राकृतिक रूप से स्रावित होते हैं और बहुत कम मात्रा में कार्य करते हैं, लेकिन उनका प्रभाव पौधे के जीवन चक्र पर बहुत गहरा होता है।
पादप हार्मोन का कार्य विभिन्न अंगों और कोशिकाओं के बीच संदेश भेजकर पौधों में उचित समय पर और सही दिशा में प्रतिक्रियाएं उत्पन्न करना होता है। ये हार्मोन मुख्य रूप से पौधों के विकास, प्रजनन, वृद्धि, और बाह्य परिस्थितियों के अनुसार प्रतिक्रिया को नियंत्रित करते हैं।
आइए, पादप हार्मोन के प्रमुख प्रकारों और उनके कार्यों के बारे में जानते हैं:
1. ऑक्सिन (Auxins)
· कार्य: ऑक्सिन पौधों के विकास को नियंत्रित करने वाले प्रमुख हार्मोन में से एक है। यह मुख्य रूप से पौधों की कोशिकाओं की वृद्धि में सहायक होता है और विशेष रूप से तने और जड़ों के विकास में योगदान करता है।
· प्रमुख कार्य:
o लंबाई वृद्धि: ऑक्सिन कोशिकाओं की लंबाई बढ़ाने में मदद करता है।
o फोटो ट्रोपिज़म और जियो ट्रोपिज़म: ऑक्सिन पौधों की प्रतिक्रिया को प्रकाश और गुरुत्वाकर्षण के प्रति नियंत्रित करता है।
o वृद्धि को प्रेरित करता है: यह जड़ों की वृद्धि को भी बढ़ावा देता है और फल, फूलों के विकास में सहायक होता है।
o एपिकल डोमिनेंस: यह मुख्य रूप से पौधे के शीर्ष को बढ़ने के लिए उत्तेजित करता है और शाखाओं के बढ़ने को रोकता है।
2. गिब्बरेलिन (Gibberellins)
· कार्य: गिब्बरेलिन हार्मोन भी पौधों की वृद्धि में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। यह मुख्य रूप से फूलों, फलों और तनों के विकास में सहायक होता है।
· प्रमुख कार्य:
o प्रारंभिक वृद्धि: गिब्बरेलिन पौधों के ऊपरी हिस्सों में कोशिका विभाजन और वृद्धि को उत्तेजित करता है।
o फूलों की उत्पत्ति: यह फूलों के विकास को प्रोत्साहित करता है और फलन में मदद करता है।
o बीजों का अंकुरण: गिब्बरेलिन बीजों के अंकुरण में सहायता करता है, जिससे बीज जल्दी अंकुरित होते हैं।
3. साइटोकिनिन (Cytokinins)
· कार्य: साइटोकिनिन हार्मोन पौधों की कोशिका विभाजन (Cell Division) में सहायता करता है और पौधों के विभिन्न हिस्सों के बीच सम्पर्क स्थापित करता है।
· प्रमुख कार्य:
o कोशिका विभाजन: साइटोकिनिन कोशिकाओं के विभाजन को बढ़ावा देता है, जिससे नए ऊतक और अंग बनते हैं।
o वृद्धि को प्रेरित करता है: यह पौधों की शाखाओं और पत्तियों की वृद्धि को प्रोत्साहित करता है।
o प्रोटीन निर्माण: यह पौधों में प्रोटीन निर्माण को बढ़ावा देता है, जो उनकी वृद्धि में सहायक होता है।
o एपिकल डोमिनेंस का विरोध: साइटोकिनिन एपिकल डोमिनेंस (शीर्ष विकास) को रोकता है और शाखाओं के विकास को बढ़ावा देता है।
4. एथीलीन (Ethylene)
· कार्य: एथीलीन पौधों का एक गैसीय हार्मोन है, जो मुख्य रूप से फल पकने, पत्तियों के गिरने और पौधों में तनाव प्रतिक्रियाओं को नियंत्रित करता है।
· प्रमुख कार्य:
o फल पकने की प्रक्रिया: एथीलीन फल के पकने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। यह फल को नरम और मीठा बनाता है।
o पत्तियों का गिरना: यह पत्तियों के गिरने की प्रक्रिया को नियंत्रित करता है (अथवा एब्सिसन)।
o तनाव प्रतिक्रिया: जब पौधा किसी तनाव से गुजरता है, जैसे कि सूखा या अत्यधिक तापमान, तो एथीलीन हार्मोन का स्राव बढ़ जाता है।
5. एब्रसिक एसिड (Abscisic Acid)
· कार्य: एब्रसिक एसिड हार्मोन पौधों के लिए तनाव हार्मोन के रूप में काम करता है, जो मुख्य रूप से जल कमी (Drought) और तनाव के दौरान पौधों की रक्षा करता है।
· प्रमुख कार्य:
o जल का संरक्षण: यह पौधों में पानी के नुकसान को कम करता है और तंत्रिका कोशिकाओं को जल वाष्पन को नियंत्रित करने के लिए प्रेरित करता है।
o सर्दी के प्रति सहनशीलता: यह पौधों को ठंड और सूखा सहने के लिए सक्षम बनाता है।
o बीजों में अवकाश की स्थिति (Dormancy): यह बीजों को अवकाश की स्थिति में रखने का कार्य करता है, जिससे बीज तभी अंकुरित होते हैं जब परिस्थितियाँ अनुकूल होती हैं।
6. जस्परोन (Jasmonates)
· कार्य: जस्परोन हार्मोन पौधों में रक्षा की प्रतिक्रियाओं को उत्तेजित करने में सहायक होता है।
· प्रमुख कार्य:
o तनाव प्रतिक्रिया: यह पौधों को हानिकारक तत्वों जैसे कीटों और रोगजनकों के खिलाफ प्रतिक्रिया करने के लिए प्रेरित करता है।
o सुरक्षात्मक प्रतिक्रियाएँ: जस्परोन पौधों में सुरक्षात्मक पदार्थों का स्राव करने के लिए प्रेरित करता है, जो कीटों और रोगों से रक्षा करते हैं।
निष्कर्ष
पादप हार्मोन पौधों के जीवन और विकास के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण होते हैं। ये हार्मोन पौधों के विभिन्न अंगों और प्रक्रियाओं को नियंत्रित और समन्वित करते हैं, जिससे पौधों की वृद्धि, विकास, और पर्यावरणीय परिस्थितियों के अनुसार प्रतिक्रिया संभव हो पाती है। इन हार्मोनल प्रतिक्रियाओं के माध्यम से पौधे अपनी स्थितियों और परिवेश के अनुसार खुद को अनुकूलित करते हैं, जो उनकी अस्तित्व की प्रक्रिया को सुनिश्चित करता है।
यहाँ पादप हार्मोन (Plant Hormones) पर आधारित 20 महत्वपूर्ण लंबे प्रश्न और उनके उत्तर दिए गए हैं, जो शैक्षणिक तैयारी और विषय की गहन समझ के लिए उपयोगी हैं।
1. पादप हार्मोन क्या होते हैं? इनके प्रकारों का वर्णन करें।
उत्तर:
पादप हार्मोन ऐसे रासायनिक यौगिक होते हैं जो बहुत ही कम मात्रा में
बनते हैं और पौधों की वृद्धि, विकास, फूलना,
पत्तियों का झड़ना, बीज अंकुरण आदि कार्यों को
नियंत्रित करते हैं। प्रमुख पादप हार्मोन हैं:
- ऑक्सिन
- जिबरेलिन
- साइटोकिनिन
- एब्सिसिक एसिड
- एथिलीन
2. ऑक्सिन हार्मोन क्या है? इसका कार्य समझाइए।
उत्तर:
ऑक्सिन मुख्य रूप से पौधों की कोशिकाओं की वृद्धि को बढ़ावा देता
है। यह जड़ की वृद्धि, फल का विकास, अपेक्स
प्रभुत्व (apical dominance) और प्रकाश की दिशा में झुकाव
(फोटोट्रॉपिज्म) में भूमिका निभाता है।
3. जिबरेलिन हार्मोन के कार्यों को स्पष्ट करें।
उत्तर:
जिबरेलिन बीज अंकुरण, तनों की लंबाई बढ़ाने,
फूलों की वृद्धि और बीजों के विकास में मदद करता है। यह बौनेपन को
समाप्त कर पौधे की ऊँचाई बढ़ाने में सहायक होता है।
4. साइटोकिनिन हार्मोन की भूमिका क्या होती है?
उत्तर:
साइटोकिनिन कोशिका विभाजन (cell division) को
बढ़ावा देता है, पत्तियों के पुराने होने की प्रक्रिया को
धीमा करता है, और पौधे की शाखाओं के विकास को बढ़ावा देता
है।
5. एब्सिसिक एसिड को 'विरोधी हार्मोन' क्यों कहा जाता है?
उत्तर:
एब्सिसिक एसिड पौधे में निष्क्रियता (dormancy) को बढ़ाता है, बीज अंकुरण को रोकता है, और पौधों को प्रतिकूल परिस्थितियों जैसे सूखा से बचाने में मदद करता है।
यह वृद्धि को रोकता है, इसलिए इसे 'विरोधी
हार्मोन' कहा जाता है।
6. एथिलीन हार्मोन के कार्य क्या हैं?
उत्तर:
एथिलीन एक गैसीय हार्मोन है जो फलों को पकाने, पत्तियों को गिराने और पुष्पन को प्रेरित करने में सहायक होता है। यह कोशिका
वृद्धि को रोकता है पर कोशिका परिपक्वता को बढ़ाता है।
7. पादप हार्मोनों का बीज अंकुरण में क्या योगदान होता है?
उत्तर:
जिबरेलिन हार्मोन बीज की निष्क्रियता को तोड़कर उसे अंकुरण के लिए
प्रेरित करता है, जबकि एब्सिसिक एसिड अंकुरण को रोकता है। इन
दोनों के बीच संतुलन बीज अंकुरण निर्धारित करता है।
8. फोटोट्रॉपिज्म में ऑक्सिन की भूमिका समझाइए।
उत्तर:
फोटोट्रॉपिज्म में जब प्रकाश एक दिशा से पड़ता है, तो ऑक्सिन अंधेरे पक्ष में इकट्ठा होकर उस ओर की कोशिकाओं की वृद्धि करता
है जिससे तना प्रकाश की दिशा में मुड़ जाता है।
9. ऑक्सिन कैसे अपेक्स प्रभुत्व को बनाए रखता है?
उत्तर:
तने के शीर्ष भाग में बने ऑक्सिन पार्श्व कलिकाओं की वृद्धि को
रोकता है, जिससे शीर्ष कली प्रभुत्व बनाए रखती है और मुख्य
तना लंबवत रूप से बढ़ता है।
10. पौधों में परिपक्वता और वृद्धावस्था में हार्मोन कैसे कार्य करते हैं?
उत्तर:
साइटोकिनिन पत्तियों को हरा बनाए रखता है, जबकि
एब्सिसिक एसिड और एथिलीन पत्तियों के गिरने और वृद्धावस्था को प्रेरित करते हैं।
एथिलीन फलों की परिपक्वता में भी प्रमुख है।
11. ऑक्सिन और जिबरेलिन में अंतर बताइए।
उत्तर:
ऑक्सिन मुख्य रूप से कोशिका वृद्धि में सहायक होता है, जबकि जिबरेलिन कोशिका विभाजन, तनों की लंबाई बढ़ाने
और बीज अंकुरण को प्रेरित करता है। ऑक्सिन फोटोट्रॉपिज्म में भी कार्य करता है,
जबकि जिबरेलिन नहीं।
12. पत्तियों के झड़ने में कौन-से हार्मोन जिम्मेदार होते हैं?
उत्तर:
एब्सिसिक एसिड और एथिलीन दोनों पत्तियों के झड़ने (abscission)
की प्रक्रिया में मदद करते हैं। ये हार्मोन एपिसिसन लेयर का निर्माण
कर पत्तियों को अलग करते हैं।
13. पादप हार्मोनों का कृषि में उपयोग कैसे किया जाता है?
उत्तर:
हार्मोनों का प्रयोग बीज अंकुरण तेज करने, कटिंग
से पौधे उगाने, फलों को कृत्रिम रूप से पकाने, फूलों की संख्या बढ़ाने और बौनेपन को रोकने के लिए किया जाता है।
14. हार्मोन का संतुलन पौधों के विकास को कैसे प्रभावित करता है?
उत्तर:
सभी हार्मोन मिलकर संतुलन बनाते हैं। यदि किसी एक हार्मोन की अधिकता
या कमी हो, तो विकास अनियमित हो सकता है। जैसे अधिक ऑक्सिन
पार्श्व शाखाओं को रोक देगा।
15. पौधों में जड़ों की वृद्धि में कौन-से हार्मोन सहायक हैं?
उत्तर:
ऑक्सिन और साइटोकिनिन दोनों जड़ों की वृद्धि को नियंत्रित करते हैं।
ऑक्सिन नई जड़ों की उत्पत्ति में सहायक होता है जबकि साइटोकिनिन जड़ों की लंबाई और
संख्या पर प्रभाव डालता है।
16. क्या पादप हार्मोन विशिष्ट होते हैं? उदाहरण दें।
उत्तर:
हाँ, पादप हार्मोन विशिष्ट होते हैं। जैसे,
जिबरेलिन तने की वृद्धि के लिए जाना जाता है, जबकि
एथिलीन फलों को पकाने में प्रमुख भूमिका निभाता है।
17. पादप हार्मोन और पशु हार्मोन में क्या अंतर है?
उत्तर:
पादप हार्मोन पौधों में विकास और पर्यावरण के प्रति प्रतिक्रिया को
नियंत्रित करते हैं, जबकि पशु हार्मोन शरीर की आंतरिक
प्रक्रियाओं को। पादप हार्मोन रासायनिक रूप से सरल और कम विविध होते हैं।
18. सिंथेटिक हार्मोनों का उपयोग कहाँ होता है?
उत्तर:
सिंथेटिक ऑक्सिन जैसे 2,4-D का प्रयोग खरपतवार
नियंत्रण में किया जाता है। सिंथेटिक जिबरेलिन फलों के आकार बढ़ाने में उपयोगी
होता है।
19. पादप हार्मोन कैसे पौधों को पर्यावरण के अनुसार प्रतिक्रिया करने में मदद करते हैं?
उत्तर:
जब प्रकाश या गुरुत्वाकर्षण में परिवर्तन होता है, तो ऑक्सिन जैसे हार्मोन उन परिवर्तनों के अनुसार कोशिका वृद्धि को बदल
देते हैं, जिससे पौधा उस दिशा में झुक जाता है।
20. पादप हार्मोन का वैज्ञानिक अध्ययन क्यों महत्वपूर्ण है?
उत्तर:
इससे पौधों की वृद्धि, उत्पादन, फूलने और फलने की प्रक्रिया को समझा जा सकता है। यह कृषि सुधार, फसल उपज और पौधों की गुणवत्ता बढ़ाने में सहायक होता है।
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