प्रतिवर्ती क्रिया (Reflex Action)
प्रतिवर्ती क्रिया (Reflex Action)
प्रस्तावना
मान लीजिए आप अचानक किसी गर्म तवे को छू बैठते हैं और बिना सोचे हाथ खींच लेते हैं। क्या आपने उस क्षण निर्णय लिया था? नहीं! यह काम आपके मस्तिष्क से पहले ही शरीर ने कर लिया था। इसे ही कहा जाता है प्रतिवर्ती क्रिया (Reflex Action) — एक त्वरित और स्वतः प्रतिक्रिया जो जीवन की रक्षा करती है।
कक्षा 10 के छात्र होने के नाते यह विषय आपके विज्ञान के पाठ्यक्रम का एक हिस्सा है और साथ ही रोजमर्रा की ज़िंदगी से भी जुड़ा हुआ है। इस लेख में हम प्रतिवर्ती क्रिया को सरल भाषा में समझेंगे, उदाहरण देखेंगे और इसके वैज्ञानिक कारण जानेंगे।
प्रतिवर्ती क्रिया क्या है?
प्रतिवर्ती क्रिया (Reflex Action) शरीर की एक स्वतः और तेज प्रतिक्रिया होती है जो किसी उत्तेजना के जवाब में होती है, बिना मस्तिष्क की अनुमति के।
यह क्रिया शरीर को किसी संभावित खतरे या हानिकारक परिस्थिति से तुरंत बचाने के लिए होती है।
प्रतिवर्ती क्रिया की परिभाषा:
जब किसी बाहरी उत्तेजना के प्रति शरीर स्वतः, बिना सोच-विचार के और तत्काल प्रतिक्रिया करता है, तो उसे प्रतिवर्ती क्रिया कहते हैं।
प्रतिवर्ती क्रिया के मुख्य लक्षण
- यह त्वरित और अनैच्छिक होती है।
- यह स्पाइनल कॉर्ड के नियंत्रण में होती है, मस्तिष्क की भूमिका नहीं होती।
- यह संवेदनशील अंगों और मांसपेशियों के बीच तंत्रिका मार्ग से होती है।
- इसका उद्देश्य शरीर को तुरंत सुरक्षित करना होता है।
प्रतिवर्ती चाप (Reflex Arc) क्या है?
प्रतिवर्ती चाप वह तंत्रिका मार्ग (pathway) है जिसके द्वारा प्रतिवर्ती क्रिया सम्पन्न होती है। यह उत्तेजना को संवेदी अंग से प्रभावक अंग तक पहुँचाता है।
प्रतिवर्ती
चाप के घटक:
घटक | कार्य |
---|---|
संवेदी अंग (sensory organ) | उत्तेजना ग्रहण करता है (जैसे त्वचा) |
संवेदी तंत्रिका (sensory nerve) | संदेश को स्पाइनल कॉर्ड तक ले जाती है |
इंटरन्यूरॉन (interneuron) | संदेश की प्रक्रिया स्पाइनल कॉर्ड में करता है |
प्रेरक तंत्रिका (motor nerve) | प्रतिक्रिया वाला संदेश मांसपेशी तक पहुंचाता है |
प्रभावक अंग (effector organ) | जैसे हाथ या पैर – जो प्रतिक्रिया देता है |
प्रतिवर्ती क्रिया के उदाहरण
क्रिया | कारण |
---|---|
गर्म वस्तु छूने पर हाथ हटाना | जलने से बचना |
आँख में कुछ जाने पर पलक झपकना | आँख की रक्षा करना |
पैरों पर कांटा चुभने पर पैर खींचना | दर्द से बचाव |
उजाले में आँखें सिकुड़ना | अधिक प्रकाश से बचाव |
गाड़ी के हॉर्न पर अचानक चौंक जाना | खतरे से सतर्कता |
प्रतिवर्ती क्रिया के प्रकार
1. मूलभूत (Inborn/Innate Reflex)
- जन्मजात होती है
- उदाहरण: पलक झपकना, थूक बनना
2. अनुभवजन्य (Acquired Reflex)
- अभ्यास और अनुभव से सीखी जाती है
- उदाहरण: साइकिल चलाना, ब्रेक लगाना
मस्तिष्क की भूमिका नहीं? क्यों?
हां, प्रतिवर्ती क्रिया में मस्तिष्क सीधे शामिल नहीं होता। ऐसा इसलिए होता है कि यदि हर निर्णय मस्तिष्क द्वारा लिया जाए, तो प्रतिक्रिया धीमी हो जाएगी। इसलिए स्पाइनल कॉर्ड सीधे प्रतिक्रिया करता है।
हालांकि, मस्तिष्क को बाद में जानकारी भेज दी जाती है, जिससे हम बाद में महसूस करते हैं कि क्या हुआ।
प्रतिवर्ती क्रिया और सोच-समझ के कार्य (ऐच्छिक क्रिया) में अंतर
विशेषता | प्रतिवर्ती क्रिया | सोच-समझ कर किया गया कार्य |
---|---|---|
नियंत्रण | स्पाइनल कॉर्ड | मस्तिष्क |
गति | तेज | धीमी |
इच्छा | अनैच्छिक | ऐच्छिक |
उदाहरण | जलती चीज से हाथ हटाना | दरवाज़ा खोलना |
वैज्ञानिक दृष्टिकोण से महत्त्व
- जीवन रक्षक प्रक्रिया है
- प्रतिक्रिया समय को कम करती है
- शरीर को बिना सोच-विचार के सुरक्षित करती है
- एनाटॉमी और न्यूरोलॉजी के अध्ययन में इसका विशेष महत्त्व है
निष्कर्ष
प्रतिवर्ती क्रिया भले ही एक छोटी-सी जैविक प्रतिक्रिया लगे, लेकिन यह हमारे जीवन को सुरक्षित रखने की एक अहम प्रक्रिया है। यह शरीर की सजगता और प्राकृतिक बुद्धिमत्ता का संकेत है। कक्षा 10 के छात्र इसे समझकर न केवल अपनी किताब का एक अध्याय पूरा कर सकते हैं, बल्कि अपने शरीर को समझने का भी एक महत्वपूर्ण कदम उठा सकते हैं।
अभ्यास प्रश्न:
1. प्रतिवर्ती चाप को परिभाषित करें और उसका आरेख बनाएं।
2. दो दैनिक जीवन के उदाहरण दीजिए जहाँ प्रतिवर्ती क्रिया होती है।
3. प्रतिवर्ती क्रिया और ऐच्छिक क्रिया में कोई दो अंतर लिखिए।
यहाँ "प्रतिवर्ती क्रिया (Reflex Action)" पर आधारित 10 लंबे प्रश्न और उत्तर दिए गए हैं। ये प्रश्न परीक्षा में पूछे जाने योग्य हैं और विषय की स्पष्ट समझ प्रदान करते हैं।
1. प्रतिवर्ती क्रिया क्या होती है? उदाहरण सहित समझाइए।
उत्तर:
प्रतिवर्ती क्रिया वह स्वतः और त्वरित प्रतिक्रिया है जो किसी बाहरी
उत्तेजना (Stimulus) के प्रति शरीर द्वारा बिना सोच-विचार के
दी जाती है। यह प्रतिक्रिया मस्तिष्क की बजाय स्पाइनल कॉर्ड के माध्यम से
नियंत्रित होती है, जिससे समय की बचत होती है और शरीर तुरंत
प्रतिक्रिया देता है।
उदाहरण: गरम वस्तु छूने पर हाथ झट से
पीछे खींच लेना।
2. प्रतिवर्ती चाप (Reflex Arc) क्या है? इसके घटकों का वर्णन कीजिए।
उत्तर:
प्रतिवर्ती चाप वह तंत्रिका मार्ग है जिसके द्वारा प्रतिवर्ती
क्रिया संपन्न होती है। इसमें संवेदी अंग से लेकर प्रभावक अंग तक की यात्रा होती
है।
मुख्य घटक:
1. संवेदी अंग – उत्तेजना को ग्रहण करता है
2. संवेदी तंत्रिका – संदेश को स्पाइनल कॉर्ड तक ले जाती है
3. इंटरन्यूरॉन – स्पाइनल कॉर्ड में संदेश का विश्लेषण करता है
4. प्रेरक तंत्रिका – प्रतिक्रिया को प्रभावित अंग तक पहुंचाती है
5. प्रभावक अंग – जैसे हाथ या पैर, जो प्रतिक्रिया देता है
3. प्रतिवर्ती क्रिया में मस्तिष्क की भूमिका क्यों नहीं होती?
उत्तर:
प्रतिवर्ती क्रिया इतनी तेजी से होती है कि मस्तिष्क तक संदेश भेजने
में समय लग सकता है। इसलिए यह कार्य स्पाइनल कॉर्ड द्वारा ही किया जाता है। इससे
शरीर को तत्काल प्रतिक्रिया देने का अवसर मिलता है और हानि से बचाव होता
है। मस्तिष्क को बाद में सूचना दी जाती है ताकि व्यक्ति को अनुभव हो सके।
4. प्रतिवर्ती क्रिया और ऐच्छिक क्रिया में क्या अंतर है?
उत्तर:
विशेषता | प्रतिवर्ती क्रिया | सोच-समझ कर किया गया कार्य |
---|---|---|
नियंत्रण | स्पाइनल कॉर्ड | मस्तिष्क |
गति | तेज | धीमी |
इच्छा | अनैच्छिक | ऐच्छिक |
उदाहरण | जलती चीज से हाथ हटाना | दरवाज़ा खोलना |
5. प्रतिवर्ती क्रिया के दो उदाहरण दीजिए और उनके पीछे की प्रक्रिया समझाइए।
उत्तर:
(i) गरम तवे को छूना → त्वचा में
संवेदी तंत्रिकाएँ संदेश स्पाइनल कॉर्ड तक भेजती हैं → प्रेरक
तंत्रिकाएँ मांसपेशी को संकुचित कर हाथ हटाती हैं।
(ii) आँख में धूल पड़ने पर पलक झपकना → आँखों की संवेदनशील कोशिकाएँ उत्तेजित होती हैं → मस्तिष्क
के बजाय स्पाइनल कॉर्ड संदेश भेजता है → पलकें स्वतः बंद हो
जाती हैं।
6. प्रतिवर्ती क्रिया शरीर के लिए कैसे सहायक होती है? कोई चार बिंदु लिखिए।
उत्तर:
1. शरीर को त्वरित प्रतिक्रिया देने में मदद करती है।
2. मस्तिष्क पर भार कम करती है।
3. खतरे या चोट से बचाव करती है।
4. यह प्राकृतिक सुरक्षा प्रणाली का भाग है।
7. प्रतिवर्ती क्रिया और प्रतिवर्ती चाप के बीच संबंध समझाइए।
उत्तर:
प्रतिवर्ती क्रिया उस कार्य को कहते हैं जो किसी उत्तेजना के प्रति
अचानक होता है। यह क्रिया जिस तंत्रिका मार्ग से होती है, उसे प्रतिवर्ती चाप कहते हैं।
अर्थात्, प्रतिवर्ती चाप वह रास्ता है
जिससे होकर प्रतिवर्ती क्रिया संपन्न होती है। यह पूरी
प्रक्रिया कुछ मिलीसेकंड्स में पूरी हो जाती है।
8. प्रतिवर्ती क्रिया के प्रकारों की व्याख्या कीजिए।
उत्तर:
1. जन्मजात (Innate Reflexes):
- जन्म से ही मौजूद होते हैं।
- उदाहरण: पलक झपकना, थूक आना।
2. अर्जित (Acquired Reflexes):
- अनुभव और अभ्यास से सीखे जाते हैं।
- उदाहरण: ब्रेक लगाना, साइकिल चलाना।
9. स्पाइनल कॉर्ड का प्रतिवर्ती क्रिया में क्या योगदान होता है?
उत्तर:
स्पाइनल कॉर्ड प्रतिवर्ती क्रिया का नियंत्रण केंद्र होता
है। यह संवेदी तंत्रिका से प्राप्त संदेश को तुरंत पहचानता है और प्रेरक तंत्रिका
के माध्यम से प्रभावक अंग को प्रतिक्रिया देने का आदेश देता है, जिससे मस्तिष्क को शामिल किए बिना ही शरीर कार्य करता है।
10. प्रतिवर्ती क्रिया को 'रक्षा तंत्र' क्यों कहा जाता है?
उत्तर:
प्रतिवर्ती क्रिया शरीर को हानिकारक स्थितियों से तुरंत
बचाने का कार्य करती है। यह बिना सोच-विचार के स्वतः होती है, जैसे—गर्म चीज़ से हाथ हटाना, काँटा
चुभने पर पैर खींचना। यह प्रतिक्रिया जीवन को सुरक्षित रखने के लिए होती है,
इसलिए इसे एक प्राकृतिक रक्षा तंत्र कहा जाता है।
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