दिशिक गति (Tropic Movement)


दिशिक गति (Tropic Movement)


 

प्रस्तावना

जब हम "गति" शब्द सुनते हैं, तो हमारे दिमाग में तुरंत किसी जानवर, मनुष्य या वाहन की छवि बनती है। लेकिन क्या आपने कभी सोचा है कि पौधे भी गति करते हैं?
हां, करते हैं भले ही बहुत धीरे और बिना कदम बढ़ाए, लेकिन उनका प्रतिक्रिया करना किसी चमत्कार से कम नहीं। पौधों में दिशिक गति (Tropic Movement) एक ऐसा ही रोचक विषय है, जिसे हम इस लेख में सरल और रोचक तरीके से समझेंगे।


 

 

 

 

 

 

 


पौधों में गति क्या होती है?


 

पौधे स्थिर होते हैं, लेकिन फिर भी वे अपने वातावरण के अनुसार प्रतिक्रिया करते हैं। यह प्रतिक्रिया कई बार उनके अंगों की दिशा या स्थिति बदलकर होती है, जिसे "गति" कहा जाता है। यह गति मुख्य रूप से बाहरी कारकों जैसे प्रकाश, गुरुत्वाकर्षण, जल, रसायन और स्पर्श के प्रति होती है।

पौधों में दो प्रकार की गतियाँ होती हैं:

1.  दिशिक गति (Tropic Movement) – 

    किसी एक दिशा में स्थायी प्रतिक्रिया।

2.  नैस्टिक गति (Nastic Movement) 

    गैर-दिशात्मक प्रतिक्रिया, जैसे छुईमुई का सिकुड़ना।


 

 

 

 

 

 

 


पौधों में दिशिक गति क्या है?


 

दिशिक गति (Tropic Movement) वह गति होती है जिसमें पौधे का कोई अंग किसी बाहरी उत्तेजना (stimulus) की दिशा में या उससे दूर बढ़ता है। यह गति धीमी होती है और पौधे के जीवन चक्र में महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है।

 

उदाहरण:

  • सूरजमुखी का फूल सूरज की दिशा में घूमता है।
  • पौधे की जड़ें मिट्टी में नीचे की ओर बढ़ती हैं।

 

 

 

 

 

 

 


दिशिक गति के प्रकार


 

पौधों में दिशिक गति को उस उत्तेजना के आधार पर बाँटा गया है, जो उसे प्रेरित करती है। ये मुख्यतः 5 प्रकार की होती हैं:


 

1. प्रकाश की दिशा में गति फोटो ट्रोपिज़्म (Phototropism)

  • यह गति प्रकाश की दिशा में होती है।
  • तने और पत्तियाँ प्रकाश की ओर बढ़ते हैं।

उदाहरण: सूरजमुखी का फूल सूरज की ओर घूमता है।
मुख्य हार्मोन: ऑक्सिन जो अंधेरे वाले हिस्से में ज्यादा बनता है और वृद्धि करवा कर तने को झुका देता है।


 

2. गुरुत्वाकर्षण की दिशा में गति जियो ट्रोपिज़्म (Geotropism)

  • यह गति पृथ्वी के गुरुत्वाकर्षण के प्रति होती है।
  • जड़ें गुरुत्व की दिशा में नीचे की ओर बढ़ती हैं (धनात्मक जियो ट्रोपिज़्म)।
  • तने ऊपर की ओर बढ़ते हैं (ऋणात्मक जियो ट्रोपिज़्म)।

 

उदाहरण: बीज बोने पर जड़ नीचे और तना ऊपर बढ़ता है।


 

3. स्पर्श के प्रति गति थिग्मो ट्रोपिज़्म (Thigmotropism)

  • यह गति किसी वस्तु को छूने पर होती है।
  • बेलदार पौधे अपने तनों या तंतुओं को आधार से लपेट लेते हैं।

 

उदाहरण: मटर की बेल या अंगूर की बेल किसी डंडी से लिपट जाती है।
हार्मोन: ऑक्सिन एक ओर इकट्ठा होकर उस दिशा की कोशिकाओं को लंबा कर देता है जिससे तना मुड़ जाता है।


 

4. जल की दिशा में गति हाइड्रो ट्रोपिज़्म (Hydrotropism)

  • यह गति पानी की उपस्थिति की दिशा में होती है।
  • जड़ें हमेशा उस दिशा में बढ़ती हैं जहाँ पानी होता है।

 

उदाहरण: सूखे क्षेत्र में पौधों की जड़ें गहराई तक जाती हैं ताकि वे पानी तक पहुँच सकें।


 

5. रासायनिक उत्तेजना के प्रति गति केमो ट्रोपिज़्म (Chemotropism)

  • यह गति किसी रासायनिक पदार्थ की उपस्थिति की दिशा में होती है।
  • विशेष रूप से प्रजनन में परागनली अंडाणु तक पहुँचने के लिए बढ़ती है।

 

उदाहरण: परागनली का अंडाशय की ओर बढ़ना।
रसायन: अंडाणु द्वारा छोड़े गए रसायन परागनली को आकर्षित करते हैं।


 

 

 

 

 

 

 


दिशिक गति में हार्मोनों की भूमिका


 

पौधों में ऑक्सिन (Auxin) नामक हार्मोन की महत्वपूर्ण भूमिका होती है। यह हार्मोन प्रकाश या अन्य उत्तेजनाओं के विपरीत दिशा में जमा हो जाता है और कोशिकाओं की वृद्धि को प्रभावित करता है। इसके कारण पौधा झुकता या किसी दिशा में बढ़ता है।


 

 

 

 

 

 

 


दिशिक गति का महत्त्व


उद्देश्य विवरण
प्रकाश संश्लेषणतने और पत्तियाँ प्रकाश की दिशा में मुड़कर अधिक प्रकाश प्राप्त करते हैं।
जल और पोषणजड़ें मिट्टी में जल और खनिज की दिशा में बढ़ती हैं।
सहारा प्राप्त करनाबेलें आधार खोज कर लिपटती हैं, जिससे उन्हें मजबूती मिलती है।
प्रजननपरागनली का अंडाणु तक पहुँचना संभव होता है।

 

 

 

 

 

 

 


विज्ञान में दिशिक गति का प्रयोग


 

  • ग्रीनहाउस तकनीक: पौधों की दिशा नियंत्रित कर अधिक उपज ली जाती है।
  • कृत्रिम प्रकाश: प्रयोगशालाओं में प्रकाश स्रोत रखकर दिशा नियंत्रित की जाती है।
  • फसल प्रबंधन: बेलों को सहारा देने के लिए जालियाँ लगाई जाती हैं।

 

 

 

 

 

 

 


दिशिक गति और नैस्टिक गति में अन्तर


आधार दिशिक गति नैस्टिक गति
दिशाउत्तेजना की दिशा पर निर्भरदिशा पर निर्भर नहीं
उदाहरणसूरजमुखी का झुकनाछुईमुई का सिकुड़ना
प्रकारफोटो, जियो, थिग्मो आदिथिग्मोनैस्टिक, फोटोनैस्टिक आदि
नियंत्रणहार्मोन आधारितकोशिका त्वरित प्रतिक्रिया आधारित

 

 

 

 

 

 

 

निष्कर्ष

पौधे यद्यपि चल-फिर नहीं सकते, फिर भी वे एक अत्यंत संवेदनशील जीव प्रणाली का हिस्सा हैं। उनके पास भी वातावरण को समझने और प्रतिक्रिया देने की अद्भुत क्षमता होती है। दिशिक गति इसका प्रमाण है कि जीवन केवल गति से नहीं, बल्कि प्रतिक्रिया और अनुकूलन से भी परिभाषित होता है।

छात्रों के लिए यह विषय केवल परीक्षा का हिस्सा नहीं है, बल्कि जीवन को वैज्ञानिक दृष्टि से समझने का एक अवसर भी है।


 

सुझाव:

  • स्कूल में पौधों को एक तरफ से रोशनी देकर देखिए कि वे कैसे झुकते हैं।
  • बेल वाले पौधों के पास लकड़ी रखिए और देखिए कि वे उस पर कैसे लिपटते हैं।

 

 

 

 

 

 

 

यहाँ पौधों में दिशिक गति (Tropic Movements in Plants)” विषय पर आधारित 10 प्रश्न और उत्तर दिए गए हैं। ये प्रश्न परीक्षा की दृष्टि से महत्वपूर्ण और विषय की गहरी समझ देने वाले हैं।


 

1. पौधों में दिशिक गति क्या होती है? उदाहरण सहित समझाइए।

उत्तर:
पौधों में दिशिक गति वह प्रकार की गति होती है जिसमें पौधे का कोई भाग किसी बाहरी उत्तेजना की दिशा में या उसके विपरीत बढ़ता है। यह गति विशेष दिशा में होती है और बाहरी कारकों जैसे प्रकाश, जल, गुरुत्वाकर्षण, स्पर्श या रसायन के प्रति होती है।
उदाहरण: सूरजमुखी का फूल सूरज की ओर मुड़ता है यह फोटो ट्रोपिज़्म का उदाहरण है।


 

2. फोटो ट्रोपिज़्म (Phototropism) क्या है? यह कैसे कार्य करता है?

उत्तर:
फोटो ट्रोपिज़्म वह दिशिक गति है जिसमें पौधों के अंग प्रकाश की दिशा में या विपरीत दिशा में बढ़ते हैं। तने और पत्तियाँ प्रकाश की ओर (धनात्मक फोटो ट्रोपिज़्म) और जड़ें प्रकाश से दूर (ऋणात्मक फोटो ट्रोपिज़्म) बढ़ती हैं।
यह हार्मोन ऑक्सिन की सहायता से होता है, जो प्रकाश के विपरीत दिशा में एकत्र होकर उस ओर कोशिकाओं की वृद्धि करता है जिससे पौधा प्रकाश की ओर झुकता है।


 

3. जियो ट्रोपिज़्म (Geotropism) क्या होता है? इसका उदाहरण दीजिए।

उत्तर:
जियो ट्रोपिज़्म गुरुत्वाकर्षण के प्रति पौधों की प्रतिक्रिया है। इसमें पौधे का कोई भाग गुरुत्व की दिशा में (धनात्मक) या विपरीत दिशा में (ऋणात्मक) बढ़ता है।
उदाहरण: बीज बोने पर जड़ें नीचे की ओर बढ़ती हैं यह धनात्मक जियो ट्रोपिज़्म है। तना ऊपर की ओर बढ़ता है यह ऋणात्मक जियो ट्रोपिज़्म है।


 

4. थिग्मो ट्रोपिज़्म (Thigmotropism) क्या होता है? उदाहरण सहित समझाइए।

उत्तर:
थिग्मो ट्रोपिज़्म पौधों की स्पर्श के प्रति दिशा में होने वाली प्रतिक्रिया है। बेलों में यह गति देखने को मिलती है, जहाँ तंतु (tendrils) किसी ठोस वस्तु से संपर्क में आकर उसकी ओर लिपट जाते हैं।
उदाहरण: मटर या अंगूर की बेल किसी सहारे (जैसे डंडी या तार) को छूते ही उस पर लिपट जाती है।


 

5. हाइड्रो ट्रोपिज़्म (Hydrotropism) क्या है? यह पौधे के लिए क्यों महत्वपूर्ण है?

उत्तर:
हाइड्रो ट्रोपिज़्म जल की दिशा में जड़ों की बढ़ने की प्रतिक्रिया है। यह एक प्रकार की धनात्मक दिशिक गति है जिसमें जड़ें जल की उपस्थिति की दिशा में बढ़ती हैं ताकि पौधे को आवश्यक जल मिल सके।
महत्त्व: यह पौधे को सूखे या जल की कमी वाले क्षेत्रों में जीवित रहने में मदद करता है।


 

6. केमो ट्रोपिज़्म (Chemotropism) क्या है? इसका एक महत्वपूर्ण उदाहरण दीजिए।

उत्तर:
केमो ट्रोपिज़्म रासायनिक पदार्थों की दिशा में पौधे के अंगों की गति है। यह आमतौर पर पौधों के प्रजनन में देखने को मिलता है।
उदाहरण: परागनली का अंडाणु तक बढ़ना। परागनली अंडाशय से निकलने वाले रसायनों की दिशा में बढ़ती है यह केमो ट्रोपिज़्म का उत्कृष्ट उदाहरण है।


 

7. पौधों में दिशिक गति को नियंत्रित करने में हार्मोन की क्या भूमिका होती है?

उत्तर:
दिशिक गति को नियंत्रित करने में मुख्य भूमिका ऑक्सिन हार्मोन की होती है। जब पौधे पर कोई उत्तेजना जैसे प्रकाश या स्पर्श पड़ती है, तो ऑक्सिन उत्तेजना की विपरीत दिशा में इकट्ठा हो जाता है और उस ओर की कोशिकाओं की वृद्धि को बढ़ा देता है। इससे पौधा उत्तेजना की ओर या उससे दूर मुड़ता है। ऑक्सिन की असमानता ही दिशा बदलने का कारण बनती है।


 

8. पौधों में दिशिक गति और नैस्टिक गति में क्या अंतर है?

उत्तर:

आधार दिशिक गति नैस्टिक गति
दिशाउत्तेजना की दिशा पर निर्भरदिशा पर निर्भर नहीं
उदाहरणसूरजमुखी का झुकनाछुईमुई का सिकुड़ना
प्रकारफोटो, जियो, थिग्मो आदिथिग्मोनैस्टिक, फोटोनैस्टिक आदि
नियंत्रणहार्मोन आधारितकोशिका त्वरित प्रतिक्रिया आधारित

 

9. दिशिक गति पौधों के लिए कैसे लाभकारी है? कोई चार कारण बताइए।

उत्तर:
दिशिक गति पौधों को अपने वातावरण के अनुसार अनुकूलन में मदद करती है। इसके लाभ हैं:

1.  प्रकाश की ओर बढ़ना: जिससे अधिक प्रकाश संश्लेषण हो सके।

2.  जल स्रोत तक जड़ों की बढ़त: जल और पोषक तत्वों की प्राप्ति में मदद।

3.  सहारे की ओर लिपटना: बेलों को स्थायित्व और सूर्य की ओर बढ़ने में मदद।

4.  प्रजनन में सहायता: परागनली का अंडाणु तक पहुंचना सुनिश्चित करता है।


 

10. पौधों में दिशिक गति का अध्ययन विज्ञान के लिए क्यों महत्वपूर्ण है?

उत्तर:
दिशिक गति का अध्ययन हमें यह समझने में मदद करता है कि पौधे बाहरी वातावरण की प्रतिक्रियाओं को कैसे समझते और प्रबंधित करते हैं। इससे वैज्ञानिक:

  • फसलों की गुणवत्ता सुधार सकते हैं,
  • नियंत्रित परिस्थितियों में वृद्धि कर सकते हैं (जैसे ग्रीनहाउस),
  • पौधों के हार्मोनल व्यवहार को समझकर कृषि उत्पादन बढ़ा सकते हैं।
    यह ज्ञान आधुनिक कृषि, जैव प्रौद्योगिकी और पौधविज्ञान के लिए बहुत उपयोगी है।

 

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